इस्लामी तालिबान आंदोलन के नेता मुल्ला उमर ने अफगानिस्तान में पश्चिमी सैनिकों को आज चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी हार अवश्यंभावी है और उन्हें इतिहास से सबक लेने की जरूरत है. तालिबान के शासन को अमेरिकी नीत सैनिकों के हमले से समाप्त करने की आठवीं बरसी से कई सप्ताह पूर्व उमर ने कहा कि अफगानिस्तान साम्राज्यवादी सैनिकों की कब्रगाह है.
ईद के उत्सव के उपलक्ष्य में जारी बयान में उसने अफगानिस्तान में तालिबान विद्रोहियों के साथ लड़ाई में एक लाख से अधिक नाटो और अमेरिकी नीत सैनिकों के बड़ी संख्या में हताहत होने और मनोबल में कमी की ओर संकेत किया.
मुल्ला उमर ने कहा कि दुश्मन बलों को जितना अधिक बढ़ाने का प्रयास करेगा अफगानिस्तान में उतना अधिक उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा. सात अक्तूबर 2001 के हमले के बाद से विदेशी सैनिकों के लिए यह अब तक का सबसे बुरा वर्ष रहा है. इस वर्ष अब तक साढ़े तीन सौ से अधिक विदेशी सैनिक मारे जा चुके हैं.