CBI के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा (Alok verma) ने इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले आलोक वर्मा ने डीजी फायर सर्विसेज एंड होमगार्ड का पद संभालने से इनकार कर दिया था. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उन्हें सीबीआई चीफ के पद से हटा दिया था और उनका तबादला बतौर डीजी फायर सर्विसेज एंड होमगार्ड कर दिया था. बता दें कि DoPT सरकार का विभाग है जहां से सरकारी मशीनरी में टॉप ऑफिसर्स की नियुक्ति होती है. गुरुवार को जब सीबीआई के डायरेक्टर की नियुक्ति करने वाली चयन समिति की बैठक हुई थी तो इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए के सीकरी और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.
DoPT के सचिव श्री चंद्रमौली को लिखे पत्र में आलोक वर्मा ने कहा है कि उन्हें सीबीआई के पद से हटाने से पहले सफाई का मौका नहीं दिया गया. आलोक वर्मा ने कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की अवहेलना की गई है. आलोक वर्मा ने कहा कि चयन समिति ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि CVC की पूरी रिपोर्ट उस शख्स के बयान पर आधारित है जिसकी जांच खुद सीबीआई कर रही है.
Former CBI Chief Alok Verma in a letter to Secy Dept of Personnel and Training:It may be noted that the undersigned would have already superannuated as on July 31, 2017 and was only serving the Government as Director, CBI till January 3, 2019, as the same was a fixed tenure role. pic.twitter.com/iMRxwWOgUl
— ANI (@ANI) January 11, 2019
बता दें कि 23 अक्टूबर 2018 को केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को तब जबरन छुट्टी पर भेज दिया था, जब सीबीआई में नंबर-2 राकेश अस्थाना से उनकी लड़ाई सार्वजनिक हो गई थी. सीबीआई में नंबर-1 और नंबर-2 के बीच की ये लड़ाई सत्ता और अहम के टकराव को लेकर थी. आलोक वर्मा ने अपने डिप्टी राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जबिक राकेश अस्थाना ने सरकार से शिकायत की और कहा कि उनके बॉस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.