जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं. मुफ्ती ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय जैसा माहौल पैदा कर दिया है.
महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर के जरिए ट्वीट करते हुए कहा, 'अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के फैसले ने घाटी के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है. कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी. भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करने की आवश्यकता है.'
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019
दरअसल, 25 जुलाई को गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी) के अतिरिक्त 10 हजार जवानों की तैनाती के लिए एक आदेश जारी किया था. इसका मकसद आतंकवाद रोधी (सीआई) ग्रिड को मजबूत बनाया है ताकि कानून व्यवस्था बनाई रखी जा सके.
स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बंदोस्त को और सख्त करने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है. इसके तहत कश्मीर घाटी में 15 अगस्त से पहले सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी.