भारत ने पुलवामा आतंकी हमला का बदला लेते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में कई आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया. इस कार्रवाई को अंजाम भारतीय वायुसेना ने दिया है. भारत की इस कार्रवाई के बाद देशभर के माहौल पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी मना रहे हैं. ये बात मुझे परेशान कर रही है. जहालत है ये सब.
महबूबा ने भारत की जवाबी कार्रवाई पर कई ट्वीट किए. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय वायु सेना के स्ट्राइक के बाद ट्वीटर और न्यूज चैनल पर बड़े पैमाने पर युद्ध उन्माद हुआ. परेशान कर देनी वाल बात यह है कि शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी मना रहे हैं. जहालत है ये सब.
उन्होंने कहा कि यदि मेरा प्रतिशोध अनावश्यक है और अगर लोग मेरे राष्ट्रवाद पर सवाल उठाते हैं तो ऐसा ही हो. मैं शांति का पक्ष लूंगी और सैकड़ों जान जाने के मुकाबले मैं जिदंगियों को बचाने का पक्ष लूंगी.
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले ने बेशक देश के माहौल को खराब कर दिया है. लोग खून के लिए तरस रहे हैं और बदला लेना चाहते हैं. लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि हिंसा ही हिंसा को जन्म देती है.
उन्होंने कहा कि केवल आशा और प्रार्थना कर सकते हैं कि अच्छी भावना जल्द ही प्रबल हो. जम्मू और कश्मीर को और कितना नुकसान होगा? कितनी देर तक हम खामियाजा भुगतेंगे.
पूर्व सीएम ने कहा कि चूंकि पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारतीय वायुसेना द्वारा एलओसी का उल्लंघन करने के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण रुख अपनाना चाहिए. या फिर, पहले से ही अस्थिर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी और हमेशा की तरह कश्मीरी सबसे ज्यादा हताहत होंगे.
Todays IAF strikes were followed by mass war hysteria on twitter & news channels. Most of these people are ignorant who have suspended the use of common sense. But its disconcerting that educated privileged people are cheering on at the prospect of a war. This is true jahaalat.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 26, 2019
वहीं पूर्व IAS अधिकारी और अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता शाह फैसला ने भी भारत की इस कार्रवाई पर ट्वीट किया है. पुलवामा हमले के बाद 45 जिदंगियां चली गईं. हजारों कश्मीरियों के खिलाफ हिंसा का निशाना बनाया. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण.
भारत और पाक के बीच युद्ध की स्थिति. भारत में दक्षिणपंथी बलों के लिए संभावित चुनावी लाभ. कौन जीतेगा और कौन हारेगा? कल के विलापकर्ता आज की हिंसा के चीयरलीडर्स कैसे बन सकते हैं? यह युद्ध-भड़काना, हिंसा का महिमामंडन, राजनीतिक फायदे के लिए हिंसा की आवश्यकता के तर्क, ये सभी मानवता के मूल मूल्यों के खिलाफ हैं.
How can yesterday's mourners become cheerleaders of today's violence?
This war-mongering, glorification of violence, arguments for necessity of violence for political ends, false distinctions between state and non-state violence, are all against the basic values of humanity.
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 26, 2019