पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि तत्कालीन गृह सचिव जीके पिल्लई ने इशरत जहां मामले से जुड़े कागजात को कम से कम तीन बार देखा था. चिदंबरम ने आश्चर्य जताया कि केवल वही कागजात क्यों गुम हो गए, जिनसे साफ हो जाता कि पूर्व नौकरशाह झूठ बोल रहे हैं.
भाषा में किया गया था बदलाव
चिदंबरम ने कहा, ‘फाइल तत्कालीन गृह सचिव की मेज से कम से कम तीन बार गुजरी थी.’ अपनी किताब ‘स्टैंडिंग गार्ड: ए ईयर इन अपोजिशन’ के विमोचन के मौके पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने भाषा की गुणवत्ता में सुधार के लिए केवल मामूली संपादन किया था.
तीन बार फाइल पिल्लई के पास गई
चिदंबरम ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मसौदा जब एजी (अटार्नी जनरल) के पास से आया, तब उन्होंने मेरे पास भेजा और जब मैंने इसे वापस भेजा. कम से कम तीन बार फाइल पिल्लई के पास गई और अब वह कह रहे हैं कि वो कागजात गायब हैं. जांचे गए मसौदे के गायब होने से किसका फायदा है? मैं चाहता था कि मसौदा एजी जांचें.’
कुछ भी ना छिपाने की दी दलील
उन्होंने कहा, ‘एजी देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी थे. अगर एजी का जांचा गया मसौदा प्रस्तुत हो, तो साबित हो जाएगा कि देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी एजी ने मसौदा देखा. मैंने कुछ नहीं छिपाया है और मुझे उम्मीद है कि रहस्य से पर्दा उठ चुका है.’