भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जी माधवन नायर ने यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की मूल योजना 2012 में थी, लेकिन, तत्कालीन प्रधानंमत्री मनमोहन सिंह की सरकार नीतिगत फैसले लेने में देरी कर गई. इसलिए चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 7 साल बाद हुई. माधवन नायर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद ऐसी परियोजनाओं पर जोर दिया. इनमें चंद्रयान-2 और गगनयान भी शामिल थे. अब तो इसरो भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने की योजना भी बना रही है.
जी माधवन नायर पहले मानवरहित मिशन चंद्रयान-1 के कर्ताधर्ता रहे हैं. इसे 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था. नायर 2003 से 2009 तक इसरो चीफ रहे. उन्होंने कहा कि अगस्त 2009 में तय किया गया था कि चंद्रयान-2 को 2012 के अंत में लॉन्च किया जाएगा. लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से इसमें देरी हुई.
उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार 2014 लोकसभा चुनाव से पहले मंगलयान मिशन को लेकर आई ताकि इसका फायदा उठा सके. बता दें कि मंगलयान मिशन नवंबर 2013 में यानी की यूपीए के शासनकाल में लॉन्च हुआ था कि लेकिन ये यान मंगल ग्रह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सितंबर 2014) के कार्यकाल में पहुंचा था.Former ISRO Chief & BJP leader G Madhavan Nair: Original plan was to launch Chandrayaan-2 in 2012 but due to some policy level decisions of UPA-2 government it was delayed. After Modi ji took over, he gave thrust to such projects, especially Gaganyaan & Chandrayaan-2. (13.6.19) pic.twitter.com/ul5vCei3Uo
— ANI (@ANI) June 14, 2019
7 साल क्यों लगे चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में
नवंबर 2007 में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने कहा था कि वह इस प्रोजेक्ट में साथ काम करेगा. वह इसरो को लैंडर बनाकर देगा. 2008 में इसरो को इस मिशन के लिए सरकार से अनुमति मिली. 2009 में चंद्रयान-2 का डिजाइन तैयार कर लिया गया. लॉन्चिंग 2012 में तय थी, लेकिन नीतिगत फैसलों की वजह से टल गई. जनवरी 2013 में लॉन्चिंग फिर तय की गई, लेकिन रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस लैंडर नहीं दे पाई. फिर इसकी लॉन्चिंग 2016 में तय की गई. हालांकि, 2015 में ही रॉसकॉसमॉस ने प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए.
फिर...इसरो ने खुद बनाया स्वदेशी लैंडर, रोवर
इसरो ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग मार्च 2018 तय की. लेकिन कुछ टेस्ट के लिए लॉन्चिंग को अप्रैल 2018 और फिर अक्टूबर 2018 तक टाला गया. इस बीच, जून 2018 में इसरो ने फैसला लिया कि कुछ जरूरी बदलाव करके चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग जनवरी 2019 तय हुई. फिर इसे फरवरी 2019 किया गया. अप्रैल 2019 में भी लॉन्चिंग की खबर आई थी, पर हुई नहीं.