अग्रिम जमानत के लिए कोलकाता के पूर्व पुलिस प्रमुख राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. शारदा चिटफंड घोटाले में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. वजह कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 24 मई तक ही गिरफ्तारी से छूट की मोहलत दी है. अग्रिम जमानत न मिलने पर सीबीआई उन्हें 24 मई के बाद गिरफ्तार कर सकती है. सूत्र बता रहे हैं कि राजीव कुमार की लीगल टीम चुनाव आयोग के रुख का इंतजार कर रही है. अगर उन्हें कोलकाता उच्च न्यायालय तक जाने की अनुमति मिलती है तो वह हाईकोर्ट में जमानत की अपील करेंगे, और उन्हें छुट्टी नहीं मिली तो वे मजबूरन सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
दरअसल, आईपीएस राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर लगी छूट की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. इसके लिए उनके वकील ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी, जिसे चीफ जस्टिस ने ठुकरा दिया था. राजीव कुमार को फिलहाल 24 मई तक ही गिरफ्तारी से छूट मिली हुई है. पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव कुमार की अग्रिम जमानत के लिए 7 दिन का मौका देते हुए गिरफ्तारी से छूट संबंधी प्रोटेक्शन को वापस ले लिया था. इस प्रकार अगर 24 मई तक सक्षम कोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिलती है तो फिर CBI उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है.
घोटाले में पूछताछ करना चाहती है सीबीआई
राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है. वह राज्य में हुए शारदा चिटफंड घोटाला केस की जांच कर चुके हैं. उन पर सुबूत नष्ट करने सहित अन्य कई आरोप हैं. उन्हें गिरफ्तार कर सीबीआई पूछताछ करना चाहती है. इससे पूर्व कोलकाता में राजीव कुमार के ठिकाने पर जांच एजेंसी छापेमारी करने गई थी तो उल्टे कोलकाता पुलिस ने सीबीआई अफसरों को ही हिरासत में ले लिया था. बाद में अफसरों को छोड़ा गया.
राजीव कुमार के घर छापेमारी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्ज धरने पर भी बैठ गईं थीं.इस मसले पर केंद्र से राज्य सरकार की तकरार के बाद राजीव कुमार को कमिश्नर पद से हटाकर सीआईडी में भेज दिया. बाद में शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग ने उन्हें सीआईडी के एडीजी पद से भी हटा दिया. अब राजीव गृहमंत्रालय में हैं.