देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज 54वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि 14 नवंबर 1889 को जन्मे नेहरू का देहांत 27 मई 1964 को हुआ था.
PM ने ट्विटर पर दी श्रद्धांजलि, राहुल पहुंचे शांति वन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह ट्वीट कर पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सुबह शांति वन पहुंचे और अपने नाना को श्रद्धांजलि दी.
Tributes to our first Prime Minister, Pandit Jawaharlal Nehru on his death anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 27, 2018
Congress President @RahulGandhi pays tribute to Shri Jawaharlal Nehru, the first Prime Minister of India, on his 54th death anniversary at Shanti Van. #RememberingNehru pic.twitter.com/30CIZPQx0T
— Congress (@INCIndia) May 27, 2018
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नंवबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था. उनके जन्मदिन को पूरे भारत में 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
आपको बता दें कि नेहरू की इच्छा थी कि वह बतौर वकील प्रक्टिस करें लेकिन यह काम वह कुछ दिन तक ही कर सके. महात्मा गांधी जिस तरह अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे थे उससे नेहरू काफी प्रभावित हुए और महात्मा गांधी के साथ हो गए.
पंडित नेहरू एक अच्छे नेता और वक्ता ही नहीं थे, वो एक अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने अंग्रेजी में 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया', 'ग्लिंपसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्टरी' और बायोग्राफी 'टुवर्ड फ्रीडम' कई किताबें लिखी थीं.
जवाहर लाल नेहरू के बारे में खास बातें...
1. उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए 11 बार नामित किया गया था.
2. ऊंची कॉलर वाली जैकेट को लेकर उनकी पसंद ने नेहरू जैकेट को फैशन आइकन बना दिया.
3. उन्होंने इंदिरा गांधी को 146 पत्र लिखे, जिसे उनकी किताब ग्लिंपसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री में पढ़ा जा सकता है.
4. दिल्ली के लाल किला पर तिरंगा फहराने वाले वे पहले शख्स बने.
5. श्याम बेनेगल की टेलीविजन सीरीज भारत एक खोज उनकी किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित थी.
6. नेहरू ने कहा था कि एक पल आता है जब एक युग खत्म होता है और लंबे वक्त से दबाकर रखी गई राष्ट्र की आत्मा को नई आवाज मिलती है.