देश के पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को शिलॉन्ग में निधन हो गया. वह 83 साल के थे. अपने निधन के आखिरी दिनों में एक किताब के माध्यम से कलाम ने बताया था कि उनको अपने माता-पिता को 24 घंटे बिजली मुहैया नहीं करा पाने का मलाल था.
डॉ. कलाम ने अपनी किताब 'रिइग्नाइटिड, साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर' में अपनी जिंदगी के बहुत से अनछुए पहलुओं को पेश किया है. उन्होंने कहा था, ‘मैं अपने माता-पिता को ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सका, क्योंकि उस समय ऐसी तकनीक नहीं थी. इसका मुझे सबसे अधिक अफसोस है.'
उन्होंने लिखा है कि उनके बचपन के दिनों में अभाव सबसे बड़ी चुनौती था. लेकिन उनके माता-पिता ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि उन्हें सब चीजों का इंतजाम करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, उनके 99 साल के भाई एपीजे एम मरईकयार तमिलनाडु के रामेश्वरम में अपने घर पर अब 24 घंटे बिजली पा रहे हैं.
103 साल तक जीवित रहे कलाम के पिता
कलाम ने इसका श्रेय तकनीक को देते हुए कहा था, 'मेरे पिता जैनुलाब्दीन 103 साल तक जीवित रहे. मां आशियाम्मा 93 साल तक जीवित रहीं. मेरे भाई इस समय 99 साल के हैं. अपने भाई के लिए मैंने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें 24 घंटे बिजली मिले, भले ही पावर कट हो. इसके लिए मैंने एक सोलर पैनल लगवाया हुआ है.'
डॉ. कलाम की कुछ प्रमुख किताबें
इंडिया-2020(1998)
विंग्स ऑफ फायर(1999)
मिशन इंडिया(2005)
यू आर बोर्न टू बोसम (2011)
टर्निंग प्वांइट्स(2012)
माइ जर्नी(2013)
ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज (2014)