दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर रामेश्वरम पहुंच चुका है. गुरुवार को डॉ. कलाम के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार होगा. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें PM मोदी की मौजूदगी में आखिरी विदाई दी जाएगी, जबकि तमिलनाडु की सीएम जयललिता मौजूद नहीं होंगी. बुधवार सुबह पार्थिव शरीर को लेकर एक विशेष विमान पालम एयरपोर्ट से रामेश्वरम के लिए रवाना हुआ.
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही कई केंद्रीय मंत्री और कम से कम तीन मुख्यमंत्री गुरुवार को अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राधाकृष्णन पार्थिव शरीर के साथ रामेश्वरम गए हैं.
रामेश्वरम में उमड़ा जनसैलाब
उधर, रामेश्वरम में स्थित उनके पैतृक आवास पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है. कलाम के बड़े भाई के पोते एपीजेएमके शेख सलीम ने बताया, 'बड़ी संख्या में लोग कलाम के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंचे हैं. हमारे सभी रिश्तेदार भी उनकी अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए आए हुए हैं.' रामेश्वरम रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत आता है. चेन्नई से इसकी दूरी 600 किलोमीटर है.
सलीम ने कहा कि कलाम का पार्थिव शरीर बस स्टैंड के करीब एक स्थान पर रखा जाएगा, जहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर पाएंगे और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. उन्होंने कहा, 'लोग बुधवार रात आठ बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दे पाएंगे, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर मस्जिद वाली गली में स्थित उनके आवास ले जाया जाएगा. गुरुवार को सुबह 10:30 बजे कलाम को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
जयललिता के 7 मंत्री होंगे शामिल
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता स्वस्थ्य कारणों से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगी. ओ. पनीरसेल्वम ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि वह और दूसरे अन्य 7 मंत्री पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम नमन करने रामेश्वरम जाएंगे. राज्य सरकार ने डॉ. कलाम के नाम पर स्मारक बनाने का निर्णय किया है और इसके लिए जमीन का आवंटन भी कर दिया गया है.
रामेश्वरम में अंतिम दर्शन
रामेश्वरम में बुधवार को पार्थिव शरीर के पहुंचने के बाद दोपहर को पहले उसे पूर्व राष्ट्रपति के पुश्तैनी घर हाउस ऑफ कलाम में और फिर बस अड्डे के सामने खुले मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. तमिलनाडु सरकार ने 30 जुलाई को छुट्टी की घोषणा की है. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद रामेश्वरम में मातम पसरा है. अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है. लोगों के साथ ही स्कूल के बच्चे भी गम में डूबे हैं.
गौरतलब है कि सोमवार को शिलॉन्ग में निधन के बाद मंगलवार को कलाम का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया. पालम एयरपोर्ट पर प्रोटोकॉल तोड़कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई बड़े नेताओं, अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए . उसके बाद अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को डॉ. कलाम के आधिकारिक निवास 10-राजाजी मार्ग पर रखा गया. वहां अमित शाह, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, जबकि शाम 4 बजे के बाद आम लोगों ने भी पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम नमन किया.
'डिफेंस प्रोग्राम का हीरो'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. कलाम के अचानक निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि भारत ने एक रत्न खो दिया है. लेकिन उसकी चमक से हमें मार्गदर्शन मिलता रहेगा. पीएम ने उन्हें देश के डिफेंस प्रोग्राम का हीरो बताते हुए कहा है कि परमाणु और अंतरिक्ष में उनके योगदान की बदौलत ही हिंदुस्तान ने दुनिया में अपनी जगह बनाई है.
सोमवार की रात 7 बजकर 45 मिनट पर कलाम का निधन हुआ था. नई दिल्ली के सरकारी निवास अपने चहेते राष्ट्रपति को नमन करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. बड़े, बुजुर्ग, स्कूली बच्चे सभी आखिरी दर्शन के लिए पहुंचे. कुछ लोगों ने गीत-संगीत गाकर उन्हें याद किया. डॉ. कलाम के निधन से शोक में डूबे कलाकारों ने अपने अंदाज में श्रदांजलि दी. दिल्ली के अशोक विहार इलाके में कलाकारों और बच्चों ने उनकी तस्वीर बनाई और उनके संदेशों को कैनवास पर उकेरा.