scorecardresearch
 

RSS के मंच पर बोले प्रणब मुखर्जी - संविधान में आस्था ही असली राष्ट्रवाद है

RSS के मंच से प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं. भारत दुनिया का पहला राज्य है और इसके संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है. उन्होंने कहा कि विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है.'

Advertisement
X
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

Advertisement

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपने विचार रखे.

RSS के मंच से प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं. भारत दुनिया का पहला राज्य है और इसके संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है. उन्होंने कहा कि विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हम विविधता में एकता को देखते हैं. हमारी सबकी एक ही पहचान 'भारतीयता' है.'

इस कार्यक्रम में करीब 707 स्वयंसेवक वहां पर मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे. इससे पहले बुधवार को जब प्रणब मुखर्जी नागपुर पहुंचे, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह भैयाजी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. उनके साथ नागपुर महानगर संघचालक राजेशजी लोया और विदर्भ प्रांत के सह कार्यवाह अतुल मोघे भी उपस्थित थे.

Advertisement

LIVE UPDATE

08:35 PM- प्रणब मुखर्जी ने कहा कि काफी समय कौटिल्य ने कहा था कि प्रजासुखे सुखं राज्ञः प्रजानां च हिते हितम्। नात्मप्रियं हितं राज्ञः प्रजानां तु प्रियं हितम्।। यानी  प्रजा की खुशी में ही राजा की प्रसन्नता निहित रहती है.  प्रजा के हित में ही राजा का हित होता है. प्रजा की अच्छाई राजा की अच्छाई होती है.

08:33 PM- विचारों में समानता के लिए संवाद बेहद जरूरी है. बातचीत से हर समस्या का समाधान मुमकिन है. शांति की ओर आगे बढ़ने से समृद्धि मिलेगी.

08:29 PM- उन्होंने कहा कि सहनशीलता ही हमारे समाज का आधार है. हमारी सबकी एक ही पहचान 'भारतीयता' है. हम विविधता में एकता को देखते हैं. उन्होंने कहा कि हर विषय पर चर्चा होनी चाहिए. हम किसी विचार से सहमत हो भी सकते हैं और नहीं भी.

08:25 PM- प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भेदभाव और नफरत से भारत की पहचान को खतरा है. नेहरू ने कहा था कि सबका साथ जरूरी है.

08:24 PM- उन्होंने कहा कि विजयी होने के बावजूद अशोक शांति का पुजारी था. 1800 साल तक भारत दुनिया के ज्ञान का केंद्र रहा है. भारत के द्वार सभी के लिए खुले हैं.

08:15 PM- उन्होंने कहा कि सबने इस बात को माना है कि हिंदू एक उदार धर्म है. ह्वेनसांग और फाह्यान ने भी हिंदू धर्म की बात की है. राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचान है. देशभक्ति का मतलब देश की प्रगति में आस्था है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद सार्वभौमिक दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम्, सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः' से निकला है.

Advertisement

08:12 PM- RSS के मंच पर बोले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी- मैं यहां देश और देशभक्ति समझाने आया हूं. मैं यहां देश की बात करने आया हूं.

08:08 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत कहा- यहां पर किसी के आने पर रोक नहीं है. यहां आइए और संघ को परखिए. वैसे हम तो संघ को जानते हैं और आप भी जानिए और अपना विचार बनाइए.

08:05 PM-RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- संघ सिर्फ हिंदुओं का संगठन नहीं है. हम सभी विचारों के लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सभी लक्ष्य एक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शक्ति के साथ शील होना बेहद जरूरी है और संघ यही काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रहारों के बावजूद संघ तरक्की करता रहा.

07:59 PM-मोहन भागवत ने कहा कि अनियंत्रित करने वाली शक्ति विनाशकारी होती है. हमें सामान्य जनता को बराबरी पर लाना है. हिंदू भारत का भाग्य तय करने के लिए उत्तरदायी है. आज संघ विशाल संगठन बन गया है. हालांकि हमको खुद को प्रसिद्ध करने वाला नहीं बनना है.

07:52 PM- आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे पास सुविचार की कमी नहीं है, लेकिन व्यवहार के बारे में हम निकृष्ठ थे और हैं. हालांकि अब थोड़ा बदला है.

Advertisement

07:51 PM- उन्होंने कहा कि हर भारतवासी के पूर्वज एक हैं. संगठित समाज से ही देश बदला जा सकता है. इसके लिए माहौल बनाना पड़ता है. संघ एक लोकतांत्रिक संगठन है. सरकारें बहुत कुछ कर सकती हैं, लेकिन सब कुछ नहीं कर सकती हैं.

07:50 PM- भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान में कोई दुश्मन नहीं है. सबकी माता भारत माता ही है. उन्होंने कहा कि समाज किसी एक व्यक्ति के बनाने से नहीं बनता है. सबके मत अलग-अलग होते हैं. उन्होंने कहा कि श्रुति और स्मृति सभी में अंतर है.

07:45 PM- आरएसएस प्रमुख ने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार को अपने लिए कुछ करने की जरूरत नहीं थे. वो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी रहे और जेल भी गए. वो समाज सुधारकों के साथ भी रहे.

07:43 PM- भागवत ने कहा कि इस राष्ट्र को अनेक महापुरुषों ने खड़ा किया. इसके लिए पसीना बहाया. उन्होंने कहा कि मत अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सभी भारत माता की संतान हैं. विविधता को स्वीकार करना अच्छी बात है.

07:38 PM- भागवत ने कहा- हम सब भारतीय हैं और सभी को इसकी सेवा करना चाहिए. सभी अपनी क्षमता के अनुसार करते भी हैं. एकता में विविधता ही भारत की पहचान है.

07:37 PM- प्रणब के पहुंचने पर मोहन भागवत ने कहा कि हम हर साल सज्जनों को आमंत्रित करते हैं, जिनको आना होता है, वो हमारा आमंत्रण स्वीकार करते हैं और आते हैं.

Advertisement

07:20 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पुष्प गुच्छ देकर प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया.

07:15 PM- आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा सुनील शास्त्री, संजयय लालभाई, चाल्ला राजेंद्र प्रसाद, राजीव मल्होत्रा, विशद मफतलाल, कल्याण चौबे, अर्धेंदु बोस समेत अन्य दिग्गज मौजूद हैं.

07:12 PM- संघ ने परिचय देते हुए कहा- प्रणब मुखर्जी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही राष्ट्रपति रहे हैं.

07:09 PM- मंच से संघ के कार्यक्रम में पहुंचे दिग्गज लोगों का परिचय कराया जा रहा है.

07:00 PM- मंच पर RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ चर्चा करते नजर आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

06:30 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में RSS की परेड निकली. अब कार्यक्रम को संबोधित करेंगे प्रणब मुखर्जी.

06:30 PM- RSS के मंच पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहुंच चुके हैं. इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने साफ संकेत दिया कि वो मेहमान हैं, लेकिन स्वयंसेवक नहीं.

05:46 PM- संघ की शुरुआत साल 1925 में विजय दशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के घर से हुई थी.

05:20 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विजिटर बुक में लिखा- मां भारती के महान सपूत थे केशव बलिराम हेडगेवार.

05:05 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब ने हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी.

Advertisement

05:03 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया.

05:00 PM- प्रणब मुखर्जी हेडगेवार के जन्म स्थान पहुंचे.

04:30 PM- CPI नेता दिनेश वार्ष्णेय ने कहा कि संघ के कार्यक्रम में किसी के जाने या न जाने से कोई संगठन सांप्रदायिक या गैर सांप्रदायिक नहीं हो जाता है. उन्होंने कहा कि आरएसएस मनुवादी संस्कृति को आगे बढ़ाती है.

04:30 PM- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि संघ द्वारा प्रणब मुखर्जी को बुलाए जाने पर कांग्रेस असहिष्णु दिखाई दे रही है. मुझे इसका इंतजार है कि कांग्रेस कब लालकृष्ण आडवानी को अपने कार्यक्रम में बुलाएगी.

04:25 PM- एसपी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और भीमराव अंबेडकर कभी संघ में नहीं रहे, जबकि संघ ऐसे प्रचार करता है कि मानो महात्मा गांधी और प्रणब उसमें शामिल थे.

04:20 PM- थोड़ी देर में हेडगेवार के जन्म स्थान जाएंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

बेटी ने पिता प्रणब को दी थी नसीहत

जब से प्रणब मुखर्जी ने RSS का निमंत्रण स्वीकार किया है, तभी से इसपर बवाल मचा हुआ है. पूर्व राष्ट्रपति की बेटी समेत कई कांग्रेस दिग्गजों ने ही इस एक्शन का विरोध किया.

पिता प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नाखुश थीं. उन्होंने प्रणब मुखर्जी को नसीहत दी थी. शर्मिष्ठा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि उम्मीद है आज कि घटना के बाद प्रणब मुखर्जी इस बात को मानेंगे कि बीजेपी किस हद तक गंदा खेल सकती है.

Advertisement

उन्होंने लिखा था कि यहां तक ​​कि आरएसएस भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा था कि भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें बनी रहेंगी और उनको नकली बयानों के साथ प्रसारित किया जाएगा.

इस इवेंट का क्या मकसद?

गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है. तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित किया जाता है. अक्सर तृतीय वर्ष प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही किसी स्वयंसेवक को आरएसएस का प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है.

Advertisement
Advertisement