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पूर्व राष्ट्रपति की गाड़ी-ईधन दोनों की मांग पर सरकार ने नियमों के अनुसार एक विकल्प चुनने को कहा

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल फिर विवादों में हैं. इस बार विवाद उनकी इस मांग पर है जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार से ईंधन बिल भरने, सरकारी गाड़ी मुहैया कराने और साथ ही प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल करने की भी अनुमति देने को कहा था.

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पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल फिर विवादों में हैं. इस बार विवाद उनकी इस मांग पर है जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार से ईंधन बिल भरने, सरकारी गाड़ी मुहैया कराने और साथ ही प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल करने की भी अनुमति देने को कहा था.

भत्ते को लेकर विवाद
नियमों के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति अपनी गाड़ी काम में लेते हैं तो ईधन भत्ता ले सकते हैं. और अगर ऐसा नहीं करते हैं तो सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन उन्होंने सरकार गाड़ी के इस्तेमाल के साथ ही ईंधन बिल भरने और साथ ही प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल करने की भी अनुमति देने को कहा था.

पहली गाड़ी पसंद नहीं आई
मामले की शुरुआत हुई पूर्व राष्ट्रपति पाटिल से पहली आधिकारिक गाड़ी को वापिस लेने से. क्योंकि यह गाड़ी उन्हें पसंद नहीं आई थी. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति ने एक बड़ी गाड़ी की मांग की लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने ईधन भत्ता मांगा.

महाराष्ट्र सरकार ने की आपत्ति
इसके बाद उनके दफ्तर ने पर्सनल कार का उपयोग करना शुरू कर दिया और जब वह पुणे से बाहर जाती तो जिला प्रशासन ने उन्हें सरकारी गाड़ी मुहैया कराई. महाराष्ट्र सरकार को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और केन्द्र के समक्ष यह मामला उठाया.

पहले भी उठे हैं विवाद
देश की पहली महिला राष्ट्रपति रही प्रतिभा पाटिल का नाम विवादों में पहली बार नहीं आया है. जब वह राष्ट्रपति थी तो उनके बेटे और पूर्व विधायक पर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं. वहीं उनके भाई का नाम एक कथित हत्या में आया था. जब उन्होंने पद छोड़ा तो उन पर राष्ट्रपति के रूप में मिलने वाले उपहारों को अपने साथ ले जाने का आरोप लगा. सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ कि वे इन उपहारों को अपने साथ अपने गृह नगर अमरावती ले गई. बाद में उन्हें यह सब गिफ्ट वापस करने पड़े.

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