पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया. इससे पूरे हिंदुस्तान में शोक की लहर दौड़ पड़ी. वाजपेयी के जन्म और मरण से जुड़े नंबरों का संयोग अजब था.
उनके जन्म की तारीख और मरण की तारीख का जोड़ एक ही संख्या थी यानी उनके जन्म की तारीख की संख्याओं को जोड़कर मरण की तारीख की संख्याओं के योग से घटा दिया जाए, तो शून्य आता है. वही शून्य जिसमें भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी चिर निद्रा में विलीन हो गए.
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 यानी 25-12-1924 तारीख को हुआ था. अगर इस तारीख के अंकों को जोड़ दिया जाए, तो 2+5+1+2+1+9+2+4 = 26 आता है. इसी तरह उनके निधन की तारीख 16-08-2018 यानी 16 अगस्त 2018 के अंकों को जोड़ा जाए, तो 1+6+0+8+2+0+1+8 = 26 संख्या आती है.
इस तरह वाजपेयी के जन्म और निधन की तारीख के अंकों का योग 26-26 आता है. अगर इन दोनों संख्याओं को आपस में घटा दिया जाए, तो शून्य आता है यानी 26-26 = 00 (शून्य). पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्म और मरण के संबंध में शून्य ही अटल सत्य साबित हुआ.
अटलजी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें
अगर वाजपेयी के जन्म और मरण के नंबर 26 को घटाने की बजाय जोड़ दिया जाए, तो यह 2+6 = 8 आता है. इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म के महीने की तारीख का योग भी अजब है. उनका जन्म महीने की 25 तारीख और देहांत 16 तारीख को हुआ था. इन दोनों संख्याओं के अंकों को आपस में जोड़ा जाए, तो भी एक ही संख्या आती है यानी 2+5 = 7 और 1+6 = 7.
इस तरह उनके जन्म और मरण के महीने की तारीख के अंकों के जोड़ को आपस में घटा दिया जाए, तो भी शून्य आता है. इस प्रकार अटल बिहारी वाजपेयी का 'जन्म - मरण = शून्य' होता है. यही शून्य पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जीवन और मरण का अटल सत्य है.