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ये है अटल का आखिरी चुनावी भाषण, इस 'कांग्रेसी' के लिए मांगे थे वोट

मंच से वाजपेयी ने कहा था, 'मुझे ये सुनकर ताज्जुब हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने यहां आतंकवाद का हौवा खड़ा करने की कोशिश की है. आतंकवाद की चर्चा करना ये दिखाता है कि वोट के लिए कहां तक गिरा जा सकता है.'

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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)

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पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत खराब है, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भारतीय राजनीतिक के इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसा नेता हैं, जो गैर-कांग्रेस होते हुए प्रधानमंत्री बने.

कवि और पत्रकार अटल बिहारी वाजपेयी जब राजनीति में आए तो उनके भाषण उनकी पहचान बने. आज 93 साल की उम्रे में जब वो अस्पताल में हैं तो पूरा देश उनके भाषणों को भी याद कर रहा है.

संसद में ऐतिहासिक भाषण देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने 2007 में अपना आखिरी राजनीतिक भाषण पंजाब के अमृतसर में दिया था. दरअसल, 2004 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से बीजेपी के टिकट पर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनाव लड़ा था और वह जीत गए थे. इसके बाद उनके एक आरोप लगा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद 2007 में यहां उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में ही अटल बिहारी वाजपेयी सिद्धू के लिए वोट की अपील करने पहुंचे थे और फरवरी 2007 में अपना आखिरी चुनावी भाषण दिया था. बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू अब कांग्रेस का हिस्सा हैं और पंजाब कैबिनेट में मंत्री हैं.

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ये था वाजपेयी का आखिरी चुनावी भाषण

 

मंच से वाजपेयी ने कहा था, 'मुझे ये सुनकर ताज्जुब हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने यहां आतंकवाद का हौवा खड़ा करने की कोशिश की है. आतंकवाद की चर्चा करना ये दिखाता है कि वोट के लिए कहां तक गिरा जा सकता है. लेकिन हमें मिलकर पंजाब और देश को बनाना है.'

महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

अपने भाषण में वाजपेयी ने तत्कालीन यूपीए सरकार को महंगाई के मुद्दे पर भी घेरा था. उन्होंने कहा था, 'दाल के भाव क्या हैं, चावल के भाव क्या हैं. भाव कम करने के लिए केंद्र सरकार ने क्या किया. इतनी कीमतें बढ़ गई हैं कि गरीब अपना पेट नहीं पाल सकता. गरीब दाल में कितना पानी डालेगा.'

अटल बिहारी वाजपेयी ने यहां अपनी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा, 'दिल्ली और पंजाब में जब हमारी सरकार थी, हमने महंगाई नहीं बढ़ने दी थी. हमने लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा था. पंजाब में सरकार बदलेगी तो यहां भी कीमतों को काबू में रखने का प्रबंध किया जाएगा. अकाली दल और बीजेपी का मिलन दो दिलों का मिलन है, जो पंजाब की स्थिति को बदलेगा.'

बता दें कि रुटीन चेकअप के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को सोमवार को एम्स लाया गया था, जहां पर उनका डायलिसिस हुआ. बताया जा रहा है कि उन्हें यूरिन इन्फेक्शन है. वो लंबे वक्त से बीमार हैं और 2009 से व्हील चेयर पर हैं.

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