प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दक्षिण से स्टालिन के बाद एक और बड़े राजनेता का समर्थन मिला है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रविवार को कहा कि महागठबंधन की ओर अगर राहुल गांधी पीएम पद के उम्मीदवार बनाए जाते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. एचडी देवगौड़ा ने कहा, "कर्नाटक में हमलोगों का कांग्रेस के साथ गठबंधन है, हमारी एक छोटी पार्टी है, मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी अगर राहुल गांधी का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया जाता है."
बता दें कि डीएमके प्रमुख स्टालिन पीएम पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ा चुके हैं. पिछले साल दिसंबर में कहा था कि राहुल गांधी के अंदर फासीवादी मोदी सरकार को हराने की ताकत है और इस सभी को इस कोशिश में राहुल गांधी का साथ देना चाहिए.
कर्नाटक कांग्रेस ने देवगौड़ा के इस बयान का समर्थन किया है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश राव ने कहा कि वे एचडी देवगौड़ा के इस बयान का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को मिलकर मौजूदा सरकार से मुकाबला करने की जरूरत है.
Welcome Sri H.D. Deve Gowda’s statement. A man of his experience and sagacity will add great strength to the united opposition’s battle to take on the present hegemonic regime. https://t.co/qy7igXFSKJ
— Dinesh Gundu Rao (@dineshgrao) January 6, 2019
इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में देवगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक की मौजूदा गठबंधन सरकार उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं चल रही है. उन्होंने कहा, "दोनों पार्टियों के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए, कांग्रेस और जेडीएस को अपनी गलतियां दूर करनी चाहिए. ये साझा सरकार मेरी आशाओं के अनुसार काम नहीं कर रहा है." देवगौड़ा ने जेडीएस पर दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी के आरोप को भी बेबुनियाद बताया.
बता दें कि इस वक्त जेडीएस कोटे से राज्य में एक भी अल्पसंख्यक और दलित मंत्री नहीं है. इन आरोपों पर देवगौड़ा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के प्रति उनकी निष्ठा पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है, क्योंकि उन्होंने उनके लिए बहुत काम किया है. सूत्रों के मुताबिक जेडीएस जल्द ही बीएम फारुक और बासवराज होरट्टी को कैबिनेट में शामिल कर विरोधियों का मुंह बंद करने जा रही है.
पूर्व पीएम ने सबरीमाला विवाद पर भी अपनी राय दी और कहा कि इस मामले पर हो रही हिंसा गैरजरूरी और निंदनीय है. सबरीमाला श्रद्धालुओं का पक्ष लेते हुए पूर्व पीएम ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा प्रथाओं और संस्कृतियों का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले पर हिंसा शर्मनाक है. हालांकि उन्होंने केरल के सीएम का बचाव किया और कहा कि पूरे प्रकरण में वे शानदार काम कर रहे हैं.