हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में निर्माण कार्य में शामिल श्रमिकों के दो गुटों के बीच संघर्ष हो गया. इस संघर्ष में चार श्रमिकों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए.
पुलिस ने बताया कि दोनों गुटों में से एक गुट चाहता था कि दूसरे गुट के श्रमिक काम से दूर रहे, क्योंकि उन्होंने कुछ मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान कर रखा था और वे चाहते थे कि श्रमिक इसका समर्थन करें. इसी के कारण दोनों गुटों में संघर्ष हो गया. इस दौरान तीन वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने आईएएनएस को बताया, 'दो श्रमिकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो घायलों ने एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.' चावला ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चावला ने कहा, 'हड़ताली श्रमिकों ने दूसरे ठेकेदार के कर्मचारियों पर दबाव बनाया कि वे काम से दूर रहें. इसके कारण दोनों गुटों में तनाव पैदा हो गया , जिसके कारण उस ठेकेदार के निजी सुरक्षा गार्डो ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसके कर्मचारी काम पर थे.' इसकी प्रतिक्रिया में भीड़ ने सुरक्षा गार्डो और कर्मचारियों पर हमला बोल दिया, जिसमें चार व्यक्तियों की मौत हो गई.
लाठी और पत्थरों से किया हमला
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो लोगों को लाठी और पत्थर लिए 250 लोगों की भीड़ ने मार डाला, जबकि दो अन्य लोगों की मौत कथिततौर पर एक खड़ी पहाड़ी से नीचे गिरने के कारण हुईं.' तीन व्यक्तियों को गोलियां भी लगी हैं. आईआईटी परिसर यहां से नजदीक कामांद गांव में स्थित है. यह स्थान राजधानी शिमला से करीब 175 किलोमीटर दूर है.
पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने बताया कि मामला दो ठेकेदारों के श्रमिकों के बीच संघर्ष का है. एक ठेकेदार के श्रमिक हड़ताल का समर्थन कर रहे थे, जबकि दूसरे ठेकेदार के श्रमिकों ने हड़ताल में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से जुड़े सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) के महासचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि हड़ताली कर्मचारियों पर ठेकेदार के भाड़े के पांच-छह बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की. ठाकुर ने कहा कि श्रमिक वेतन जारी करने सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर थे. ठाकुर ने आरोप लगाया कि बंदूकधारियों को ठेकेदार राजीव शर्मा भाड़े पर लाए थे. इस घटना पर टिप्पणी के लिए आईआईटी के किसी अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया.
- इनपुट IANS