राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने पटना में गुरुवार को नकली भारतीय करेंसी नोट (FICN) से जुड़े मामले में 4 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.
NIA के महानिदेशक (DG) वाई सी मोदी ने इंडिया टुडे को बताया कि ये हमारी प्रतिबद्ध टीम की मेहनत का नतीजा है कि वो चार अभियुक्तों को दो साल के अर्से में ही आजीवन कारावास दिलाने में कामयाब रही. उन्होंने कहा, 'नकली भारतीय करेंसी नोट मामले में आमतौर पर उम्र कैद नहीं दी जाती लेकिन हमारे पास अभियुक्तों के खिलाफ पुख्ता सबूत थे.'
उम्र कैद की सजा पाने वालों के नाम अफरोज अंसारी, सन्नी कुमार, इशराफुल आलम और आलमगीर शेख हैं. इन्हें नकली भारतीय करेंसी नोटों (FICN) की तस्करी और सर्कुलेशन से भारत की आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादी गतिविधि के आरोप में उम्र कैद सुनाई गई. इन पर आईपीसी की धारा 120बी, 489बी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 16,18 और 20 के तहत केस चला.2015 से जुड़े इस केस की जांच NIA ने की. ये मामला नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी के ऐलान से एक साल पहले का है. इस केस में राजस्व खुफिया निदेशालाय (DRI) की टीम ने झारखंड के रामगढ़ निवासी अफरोज अंसारी से 5,94,000 रुपये के नकली भारतीय करेंसी नोट (FICN) ज़ब्त किए थे.
अंसारी इस नकली करेंसी को भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित रक्सौल ले जा रहा था, जिससे कि इसकी डिलीवरी नेपाल में की जा सके. जांच के दौरान NIA के अधिकारियों ने नकली भारतीय करेंसी के तस्करों के सिंडीकेट का पर्दाफाश किया. ये लोग बांग्लादेश से तस्करी के जरिए लाई गई नकली करेंसी को नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करते थे. जांच के दौरान मिले सुरागों के आधार पर ही आलमगीर शेख से 3 लाख रुपये के नकली भारतीय करेंसी नोट और ज़ब्त किए गए.
ज़ब्त किए गए नकली नोटों की फॉरेंसिक जांच से पता चला कि ये उम्दा क्वालिटी के नकली भारतीय करेंसी नोट थे. जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर NIA ने 8 आरोपियों को और गिरफ्तार किया.
सन्नी कुमार उर्फ कबीर खान, निवासी नवादा बिहार
इशराफुल आलम निवासी माल्दा, पश्चिम बंगाल
आलमगीर शेख उर्फ राजू निवासी माल्दा. पश्चिम बंगाल
उमर फारूक उर्फ फिरोज निवासी माल्दा, पश्चिम बंगाल
संजय कुमार निवासी रक्सौल, बिहार
मुन्ना सिंह निवासी बेतिया, पश्चिम चंपारण, बिहार
असीकुल इस्लाम निवासी माल्दा, पश्चिम बंगाल
NIA की ओर से 22 जुलाई 2016 को अफरोज अंसारी, सन्नी कुमार, इशराफुल आलम और आलमगीर शेख के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. इसके बाद 17 अप्रैल 2017 को उमर फारूक और मुन्ना सिंह के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की गई. फरार चल रहे रईसुद्दीन (निवासी माल्दा, पश्चिम बंगाल) को इसी साल 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया. सभी अभियुक्तों को पटना की बेऊर जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया.