एक गैर सरकारी संगठन (NGO) के लिए काम करने वाली एक महिला के साथ जो हुआ वह जानकर आपकी रूह कांप जाएगी. पीड़िता मार्था अक्सर अपने काम के सिलसिले में अफगानिस्तान जाती थी और ऐसे ही एक दौरे के बाद वह शनिवार को लौटने वाली थी, लेकिन ऐसी घटना घटी कि सब कुछ एक पल में ही बदल गया.
घर में मार्था के लौटने का इंतजार कर रहे पति राजेश टंडन को तब झटका लगा जब मार्था वापस तो आई लेकिन उसके आने की खुशी किसी को नहीं हुई बल्कि सबकी आंखें नम थीं . एक दिन पहले ही मार्था अफगानिस्तान से वापस तो आई लेकिन जिंदा नहीं, मौत की नींद सोती हुई.
मार्था के मृत शरीर वाला ताबूत लिए हुए राजेश ने नम आंखों से कहा, ‘आम तौर पर जब लोग गड़बड़ी वाले इलाकों से वापस लौटकर आते हैं तो उनके परिजन को खुशी होती है, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस तरह से लौटेगी.’
हमले में मारे गए हैं चार भारतीय
बता दें कि मार्था उन चार भारतीयों में शामिल थी, जो बुधवार रात काबुल के एक गेस्ट हाउस पर तालिबान के हमले में मारे गए. हमले से कुछ ही देर पहले राजेश ने अपनी पत्नी से बात की थी और वह अपने असाइनमेंट से काफी खुश थी.
मार्था एक एनजीओ 'पार्टिसिपेटरी रिसर्च इन एशिया' के साथ निदेशक के तौर पर काम करती थी और आगा खां ट्रस्ट के निमंत्रण पर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक वर्कशॉप में हिस्सा लेने गई थी.
बेहद खुश थी लेकिन सब तबाह हो गया...
टंडन ने बताया, ‘उसने रात साढ़े आठ बजे मुझसे बात की. वह बहुत खुश थी और अपने काम से बहुत संतुष्ट थी. मुझे लगता है कि उसके कुछ मिनट बाद ही तालिबान ने उस गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया, जिसमें वह मौजूद थीं.'
मार्था ने अपने पति को बताया था कि वह शुक्रवार का दिन अपने दोस्तों के साथ गुजारेंगी और शनिवार को लौट आएगी. राजेश रूंधे गले से कहते हैं, ‘काश वह अपनी कही बात पूरी कर पाती. वह इस तरह लौटेगी, सोचा न था.’
- इनपुट भाषा