केरल के अलप्पुझा जिले में रहने वाले 14 साल के छात्र ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध का ऐसा तरीका अपनाया है जानकर कोई भी हैरान रह जाए. अर्जुन संतोष नाम का ये छात्र नदी पर पुल न होने की वजह से रोज 3 किलोमीटर तैरकर स्कूल जाता है.
स्कूल बैग में स्विम सूट और वाटर गॉगल रखकर वह रोज दूसरे साथियों के साथ स्कूल के लिए निकलता है लेकिन बाकियों की तरह नाव का इंतजार करने की बजाय वह नदी में छलांग लगाता है और रोजाना ऐसे ही स्कूल पहुंचता है.
खुद की परवाह किए बिना उठाया कदम
केरल के अलप्पुझा जिले में स्थिति पेरुंबलाम गांव एक आईलैंड है. गांव के लोग लंबे समय से नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. गांववालों की जरूरतों और परेशानियों को देखते हुए अर्जुन ने खुद की परवाह किए बिना विरोध का ये तरीका अपनाया.
अर्जुन ने कहा, 'नाव के इंतजार में अक्सर स्कूल के लिए देरी होती है और उसकी सजा भी मिलती है. कुछ नावें बेहद छोटी हैं और उनमें भी लोग ज्यादा होते हैं, जो कि चिंता का विषय है.'
पिछले साल हो चुकी है 50 की मौत
गांव में रहने वाले अभिलाष ने बताया कि पिछले साल मेडिकल इमरजेंसी की वजह से 50 लोगों की मौत हो चुकी है. परिवहन सबसे बड़ी समस्या है. नदी पार करने में डेढ़ घंटे लग जाते हैं. गांव के लोग करीब 25 साल से 700 मीटर लंबा पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. अर्जुन के प्रदर्शन पर भी अधिकारियों ने 10 दिन तक ध्यान नहीं दिया.