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उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में 5 जुलाई से भारी बारिश की चेतावनी, अलर्ट जारी

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 5 जुलाई से भारी बारिश की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार दोनों राज्यों में रविवार दोपहर या शाम से अगले 48 घंटों तक भारी बारिश हो सकती है. इस अनुमान के मद्देनजरउत्तराखंड सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है.

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MASSIVE DOWNPOUR LIKELY IN UTTARAKHAND
MASSIVE DOWNPOUR LIKELY IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 5 जुलाई से भारी बारिश की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार दोनों राज्यों में रविवार दोपहर या शाम से अगले 48 घंटों तक भारी बारिश हो सकती है. इस अनुमान के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है.

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160 मिमी तक हो सकती है बारिश
राज्य आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण केंद्र (DMMC) से मिली जानकारी के अनुसार, मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि सपौडी गढ़वाल, अल्मोडा, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में अपेक्षाकृत भारी यानी 160 मिमी तक बारिश हो सकती है.

चार धाम की यात्रा पर नजर
राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के रूट पर भी अलर्ट जारी किया है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों, खासतौर से चमोली, रूद्रप्रयाग टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी के डीएम को आदेश दिया है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में कोई कोताही ना बरती जाए और परिस्थिति के अनुसार ऑन स्पॉट फैसले लिए जाएं.

मुख्यमंत्री हरीश रावत के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया, 'सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. उनसे कहा गया है कि भारी बारिश के मद्देनजर पूरी सतर्कता बरतें जिससे कोई भी अप्रिय स्थिति पैदा होने पर जानमाल की हानि को टाला जा सके.' उन्होंने ने कहा कि चारधाम यात्रा सुचारू रूप से चल रही है और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार मौसम पर नजर रख रही है.

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हिमाचल में 7-8 जुलाई को सबसे ज्यादा बारिश
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि अगले चार दिनों में प्रदेश के अलग अलग जगहों पर भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. 7 और 8 तारीख को सबसे ज्यादा बारिश होने की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार 5 जुलाई से 9 जुलाई तक भारी बारिश होगी.

साल 2013 की आपदा से सबक
साल 2013 में 16-17 जून को केदारनाथ में भीषण प्राकृतिक आपदा में हजारों लोगों के मारे जाने और लापता हो जाने के दर्दनाक हादसे के मद्देनजर राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती.

भाषा से इनपुट

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