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बारिश से बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर, दहशत में ग्रामीण

आपदा प्रभावित उत्तराखंड में दो दिनों से जारी बारिश ने राहत कार्य बाधित कर दिया है. राज्य सरकार अब ऐसे हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है जो खराब मौसम में भी उड़ान भरकर रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली में खाद्य आपूर्ति कर सकें.

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उत्तराखंड में बारिश जारी
उत्तराखंड में बारिश जारी

आपदा प्रभावित उत्तराखंड में दो दिनों से जारी बारिश ने राहत कार्य बाधित कर दिया है. राज्य सरकार अब ऐसे हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है जो खराब मौसम में भी उड़ान भरकर रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली में खाद्य आपूर्ति कर सकें.

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बारिश से मंदाकिनी और अलकनंदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे केदारघाटी के आस-पास के ग्रामीण दहशत में हैं. खराब मौसम की वजह से तीन दिनों से भी ज्यादा समय से केदारघाटी में राहत सामग्री नहीं पहुंचाई जा सकी है.

एक अधिकारी ने बताया कि आपदा प्रभावित जिलों में अहम सड़कों का नेटवर्क अब भी क्षतिग्रस्त है जिसकी वजह से प्रभावित गांवों में ट्रकों से राहत सामग्री पहुंचाना असंभव है. ऐसे में यही विकल्प बचा है कि मौसम प्रतिरोधी हेलीकॉप्टरों की सेवाएं ली जाएं. राज्य आपदा प्रबंधन व राहत विभाग आज एक आपातकालीन बैठक करेगा जिसमें इसी विषय पर चर्चा की जाएगी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मलबा और शव हटाने के लिए केदारघाटी भेजे गए विशेषज्ञों के दल को भी खराब मौसम और भारी उपकरणों की कमी से काम करने में दिक्कत हो रही है. एनडीआरएफ ने हल्के उपकरण मुहैया कराए हैं जो केदारघाटी का कई टन मलबा हटाने के लिए नाकाफी हैं. राहत काम में लगे जवानों के लिए भोजन की कमी है, जिससे उनका काम और मुश्किल हो गया है. भोजन का भंडार तेजी से घट रहा है और राहत कार्यों में लगे कुछ जवानों के बीमार पड़ने की खबर भी है.

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13 जवानों का एक पुलिस दल मलबे की वजह से वहां पहुंच ही नहीं सका और उसे बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा.

प्रशासन का दावा है कि रुद्रप्रयाग के 36 गांवों में राहत सामग्री भेजी गई है. लेकिन जि़ले के 128 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. यानी 80 से अधिक गांवों को तत्काल राहत सामग्री की जरूरत है.

एक अधिकारी ने बताया कि केदारनाथ भेजी गई टीम को मलबा हटाने और शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस बुलाने और नई टीम की जगह राहत कार्य पर लगाने पर विचार किया जा रहा है.

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