इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने जवानों को मोबाइल एप और सोशल मीडिया खासकर फेसबुक के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की सलाह दी. पाकिस्तान की ओर से स्पाई एप के जरिए की जा रही जासूसी की कोशिशों के बीच आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने जवानों को खासकर अनजानी लड़कियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट को कबूल नहीं करने कहा है.
एडवाइजरी जारी कर दी गई सलाह
चौधरी ने बीते दिनों एडवाइजरी जारी कर इस मामले में अहम निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सीमा और संवेदनशील इलाकों में तैनात सभी यूनिट्स के जवान किसी तरह के मोबाइल एप्स का
इस्तेमाल न करें. इस एप के डेटा को पाकिस्तानी हैकर्स की ओर से चुरा सकने की आशंका जताई जा रही है. जवानों से अनजान लोग खासकर लड़कियों के फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने
से भी मना किया गया.
वीचैट, स्मेश और लाइन से खास परहेज
इससे पहले सेना ने अपने अधिकारियों और जवानों को गूगल प्लेस्टोर पर मौजूद तीन एप्स वीचैट, स्मेश और लाइन को डाउनलोड करने से मना किया था. ऑनलाइन जासूसी से बचाव के लिए
ऐसा निर्देश जारी किया गया था. चीन और पाकिस्तान के हैकर्स समेत विदेशी खुफिया एजेंसियां की नजर इन एप्स के डेटा पर थी.
लड़कियों की फेक प्रोफाइल बनती है चारा
पाकिस्तान के ऐसे हैकर्स जो कथित तौर पर आईएसआई और दूसरे आतंकी संगठनों के लिए काम करते हैं, वे फेसबुक के जरिए सुरक्षाबलों पर निशाना साध रहे हैं. सबसे पहले वे खूबसूरत
लड़कियों की फेक प्रोफाइल से उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. बातचीत बढ़ने पर उन्हें आगे चैट के लिए कोई खास एप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है.
हैकर्स के निशाने पर खुफिया जानकारी
गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ऐसी स्थिति में जवान जो एप डाउनलोड करते हैं उनके सहारे हैकर्स जासूसी को अंजाम देते हैं. चैट के लिए इन्हें डाउनलोड करते ही उनके
मोबाइल डेटा जैसे कॉन्टैक्ट, एसएमएस डिटेल, विडियो, व्हाट्सएप, सर्च हिस्ट्री, और जीपीएस की लोकेशन हैकर्स के सर्वर पर दिखने लगती है.