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भारत और चीन के बीच मित्रता जरूरी: दलाई लामा

भारत और चीन के बीच मित्रता पर जोर देते हुए तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा है कि इस क्षेत्र में शांति के लिए दोनो देशों के बीच आपसी समझबूझ जरूरी है.

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भारत और चीन के बीच मित्रता पर जोर देते हुए तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा है कि इस क्षेत्र में शांति के लिए दोनो देशों के बीच आपसी समझबूझ जरूरी है.

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अपनी भोपाल यात्रा के दूसरे दिन आज सुबह यहां संवाददाताओं से बातचीत में दलाई लामा ने कहा कि दोनों ही देश शक्तिशाली हैं और इस क्षेत्र के लिए जरूरी है कि वे मिल कर रहें. उन्होंने कहा कि वह तिब्बत को चीन से अलग नहीं करना चाहते बल्कि वह तिब्बत की स्वायत्तता चाहते हैं, साथ ही वह चाहते हैं कि वहां चीन का संविधान नहीं लागू हो.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तिब्बत का युवा वर्ग उसे चीन से अलग करना चाहता है, लेकिन वह ऐसे लोगों से सहमत नहीं हैं.

चीन से संबंधित राजनीतिक सवालों का जवाब देने से दलाई लामा ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह नहीं चाहते कि उनका कोई बयान विवाद का कारण बने. जब उनसे चीन द्वारा पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के निकट सैन्य शिविर तैयार करने के निर्णय के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल भारत के रक्षा मंत्रालय से किया जाना चाहिए.

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एक अन्य प्रश्न के उत्तर में तिब्बतियों के धर्मगुरू ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार हाल ही में चीनी मीडिया में तिब्बत को लेकर करीब 800 लेख, उनके मत से सहमत होते हुए लिखे गए हैं.

दलाई लामा यहां दो दिवसीय यात्रा पर आए थे, जिसके तहत कल उन्होंने राज्य विधानसभा के सभागृह में मानवाधिकारों’ पर केन्द्रित एक व्याख्यान में हिस्सा लिया और आज सुबह पत्रकारों से बातचीत करने के बाद वापस रवाना हो गए.

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