एक नये अध्ययन के मुताबिक समुद्री मेंढक अपना वजूद बचाने के लिए अपनी बिरदारी के अन्य मेंढकों के खिलाफ एक खास तरह का जहरीला रसायन उगलते हैं क्योंकि उनके बीच भी अस्तित्व की लड़ाई होती है.
सिडनी विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानियों ने पाया कि यह समुद्री मेंढक जल में एक खास तरह का रसायन उगलकर एक दूसरे से संपर्क साधते हैं और अपना वजूद बचाने के लिए एक दूसरे की जान ले लेते हैं. इस तथ्य से शहरी इलाकों में उनकी संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
अध्ययन दल के प्रमुख जीवविज्ञानी रिक शाइन ने बताया कि समुद्री मेंढक रसायन उगलते हैं जो जल के जरिए अन्य मेंढकों तक पहुंचता है और इस आधार पर वे निर्णय करते हैं.
प्रो. शाइन ने बताया कि मेंढक अपने विकास के चरण में यदि बार-बार इन रसायनों को ग्रहण करते हैं तो संभवत: तनाव से उनकी मौत हो जाती है.
इसके अलावा उनके ताजा अंडों से एक खास तरह का रसायन निकलता है जो दूसरे मेंढकों को बीमार कर देता है और उनके अंडों को नष्ट कर देता है.
इस ‘आकषर्णकारी रसायन’ का बड़ा फायदा यह है कि भविष्य के प्रतिद्वंदियों का सफाया कर देता है क्योंकि एक समुद्री मेंढक ही दूसरे मेंढक का कट्टर दुश्मन होता है. उन्होंने बताया कि हम इन रसायनों को प्राप्त कर सकते हैं और मेंढकों को फंसाने के लिए जाल बुन सकते हैं.