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दो मिनट की मैगी की वापसी के बढ़े आसार, FSSAI ने टेस्ट के बाद सैंपल को पाया सुरक्षित

मैगी नूडल्स बनाने वाली नेस्ले इंडिया को बड़ी राहत मिली है. केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकीय अनुसंधान संस्थान ने मैगी को सैंपल को खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरा पाया है. यह संस्थान भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा स्वीकृत है.

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मैगी नूडल्स बनाने वाली नेस्ले इंडिया को बड़ी राहत मिली है. केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकीय अनुसंधान संस्थान ने मैगी को सैंपल को खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरा पाया है. यह संस्थान भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा स्वीकृत है. 

केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकीय अनुसंधान संस्थान (CFTRI) ने गोवा खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा भेजे गए मैगी नूडल्स के पांच सैंपल का परीक्षण किया. इसमें सभी सैंपल खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे पाए गए हैं. 

बताते चलें कि मई के आखिर में यूपी में मैगी के सैंपल में तय मात्रा से अधिक लैड पाए जाने के बाद पाबंदी लगाई गई थी. इसके बाद देखते ही देखते एक के बाद एक कई राज्यों ने मैगी पर रोक लगा दी गई. 5 जून को देश भर में मैगी पर पाबंदी लगा दी गई थी.

मैगी पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ था. इसके ब्रांड एम्सेबेडर अमिताभ बच्चन और माधुरी दीक्षित तक पर कोर्स केस कर दिया गया. मैगी बनाने वाली नेस्ले को इस रोक के चलते दूसरी तिमाही में 64 करोड़ से ज्यादा का नुकसान भी हुआ.

अब सेंट्रल फूड टेक्नोलोजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की क्लिन चिट के बाद नेस्ले को दोबारा बाजार में उतरने और छाने की उम्मीद तो बंधी ही है. नेस्ले इंडिया के नए मुखिया सुरेश नारायणन ने साफ कह दिया था कि बहुत जल्द मैगी लोगों के घर में लौटेगी.

गौरतलब है कि नेस्ले इंडिया ने बांबे हाई कोर्ट में कहा था कि वह अपने प्रोडक्ट के स्वतंत्र लैब में टेस्ट कराने के लिए तैयार है, बशर्ते कि ये टेस्ट प्रतिष्ठित वैज्ञानिक की मौजूदगी में किए जाएं. नेस्ले ने बांबे हाई कोर्ट में इस संबंध में एक याचिका दायर की थी.

फूड अथॉरिटी ने मैगी के मामले में ये तीन उल्लंघन पाए थे...

1. मैगी में लेड तय सीमा से ज्यादा है.
2. कंपनी ‘नो एडेड एमएसजी’ का लेबल लगाकर गुमराह कर रही है.
3. मैगी ओट्स मसाला नूडल्स विद टेस्टमेकर को बिना प्रोडक्ट अप्रूवल के बेचा जा रहा है.

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