कोपनहेगन जलवायु शिखर वार्ता के विवाद भरे दूसरे दिन जी-77 समूह और चीन ने डेनमार्क के समझौता मसौदा प्रस्ताव पर खरी खोटी सुनाते हुए आज इसे सम्मेलन की सफलता के लिए खतरा उत्पन्न करने वाला बताया.
जी-77 समूह के प्रमुख और सूडान के लुमुंबा स्टेनिशलेस डिया पिंग ने कहा कि मसौदे का जो पाठ लीक किया गया है वह गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम है. यह गंभीर उल्लंघन है जो कोपनहेगन वार्ता प्रक्रिया की सफलता के लिए खतरा बन सकता है.जी 77 और चीन ने डेनमार्क के प्रधानमंत्री लार्स लोक्के रासमुसिन से फिर ऐसा प्रयास न करने को कहा और इस बात को फिर से पुष्ट किया कि समूह कोपनहेगन का बहिष्कार नहीं करेगा और सम्मेलन के अंतिम क्षणों तक समानता वाला नतीजा प्राप्त करने की दिशा में काम किया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रमुख वाई डी बोएर ने कहा कि इस मसौदे को डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने पेश किया था. बोएर ने कहा कि सम्मेलन से पहले यह एक अनौपचारिक मसौदा था जिसे परामर्श के लिए कई लोगों को दिया गया था. लुमुंबा ने इस बात की पुष्टि की कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन ने डेनमार्क के प्रस्ताव का माकूल जवाब देने के लिए बेसिक मसौदा प्रसारित किया है और इस पर विचार हो रहा लेकिन यह आधिकारिक रूप से प्रस्तुत नहीं है.