रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के कारण दुनिया में मचे कलेश के बीच भारत इस साल जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इसकी बैठकें देश के अलग-अलग शहरों में हो रही हैं. यहां बैठकों को लेकर जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं. शहरों को सजाया जा रहा है और मेहमानों के स्वागत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही.
बैठक में शामिल होने के लिए विदेशी प्रतिनिधी और नेता लगातार भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. इस खबर में हम जी20 से जुड़ी हफ्ते भर की खबरों पर बात करेंगे. जी20 जिन चैनलों पर काम करता है, उन्हीं के वर्किंग ग्रप्स के बीच ये बैठक होती हैं. प्रमुख चैनल वित्तीय ट्रैक और शेरपा ट्रैक हैं. इनकी कई बैठकें हो गई हैं और कई इस हफ्ते जारी रहेंगी. इसके अलावा इंगेजमेंट ग्रुप भी होते हैं.
अब जान लेते हैं कि बीते हफ्ते कौन सी बैठकों का आयोजन हुआ. साथ ही आगामी बैठकें कौन सी हैं. इनमें से कुछ बैठकें ऐसी भी हैं, जो अभी जारी हैं.
बीते हफ्ते की बैठकें
शेरपा ट्रैक
Rowers of the Chundan Vallam (snake boat) display tremendous strength, coordination, & agility to make the 83 ft long boat glide through water. Delighted to have our honoured G20 guests experience this once in a lifetime site — a snake boat race in the backwaters of Kumarakom. 🙏🏽 pic.twitter.com/qEh24V5TMV
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 1, 2023
वित्तीय ट्रैक
#IncredibleIndia’s hospitality & culture is a sight to behold everywhere I go. From the iconic Toy Train ride to lush green tea gardens - experienced #Darjeeling's rich cultural heritage thru #G20India curated excursion visits & adventurous treks. Few snapshots 👇. @g20org #TWG pic.twitter.com/S81FQLTys1
— Barry O’Farrell AO (@AusHCIndia) April 3, 2023
इस हफ्ते हो रहीं जी20 की बैठकें-
शेरपा ट्रैक
बीते हफ्ते की जी20 से जुड़ी बड़ी खबरें-
भारत चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार
भारत की तरफ से कहा गया है कि रूस-यूक्रेन का मुद्दा जी20 की मौजूदा बैठकों में दूसरे प्रमुख मुद्दों को नहीं रोक सकता. देश के शेरपा अमिताभ कांत ने ये बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का हवाला दिया और कहा कि यह युद्ध का युग नहीं बल्कि कूटनीति का युग है. केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकोम गांव में चल रही दूसरी शेरपा बैठक से इतर रूस के साथ द्विपक्षीय बैठक की गई.
इसके बाद कांत ने कहा कि दुनिया कोरोना वायरस महामारी के बाद से तमाम चुनौतियों का सामना कर रही है और उनसे निपटने के लिए जी20 जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के बाद 200 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं, 100 मिलियन लोगों की नौकरी जाने की चुनौती है, दुनिया के 75 देशों को प्रभावित करने वाले वैश्विक कर्ज की चुनौती है, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की चुनौती और एक तिहाई अर्थव्यवस्था में मंदी की चुनौती भी है.
उन्होंने कहा कि दूसरे कई मुद्दे भी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं. और भारत हर देश के साथ काम करने के लिए तैयार है. एक मुद्दा (रूस यूक्रेन युद्ध) दूसरे मुद्दों को नहीं रोक सकता. हम जी20 में शामिल सभी देशों के दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध बेशक दुनिया के एक हिस्से को प्रभावित कर रहा है लेकिन दुनिया के लिए और भी कई मुद्दे हैं.
यूक्रेन युद्ध के जिक्र पर भड़का रूस
रूस की जी20 शेरपा स्वेतलाना लुकास ने कहा कि जी20 को वैश्विक आर्थिक विकास के अपने जनादेश पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा कि भू-राजनीति और सुरक्षा मुद्दों को उठाने के बजाय इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने ये बात केरल के बैकवाटर में आयोजित जी20 शेरपाओं की दूसरी बैठक में कही. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 की जिम्मेदारियों से किसी भी तरह का बदलाव किए जाने का ये अर्थ होगा कि यह “आम सहमति तक नहीं पहुंच पाएगा”.
उन्होंने आगे कहा कि भारत और रूस की जी20 में समान प्राथमिकताएं हैं, जैसे हरित विकास, डिजिटलीकरण, आर्थिक विकास और व्यापार की बहाली. उन्होंने बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जी20 बैठक और एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
उन्होंने अपनी तरफ से ये साफ कहा कि “जी 20 सुरक्षा मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है. ये बात कहते हुए लुकास ने इंडोनेशिया में हुए पिछले शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान के एक पैराग्राफ का जिक्र किया.
अरुणाचल में हुई बैठक से चीन का किनारा
भारत के रणनीतिक रूप से अहम राज्य अरुणाचल प्रदेश में जी20 प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई थी. इसमें चीन शामिल नहीं हुआ. बात इसलिए बड़ी है क्योंकि वह भारत का पड़ोसी होने के साथ ही जी20 का सदस्य भी है. बैठक का आयोजन राजधानी ईटानगर में किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि 26 मार्च को हुई इस बैठक से चीन इसलिए दूर रहा क्योंकि वह अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोकता है. बैठक का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने 'रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव, गैदरिंग' थीम पर किया था. ये खबर बाद में सामने आई.
चलिए अब जी20 से जुड़े अहम सवालों के जवाब जान लेते हैं-
चैनल्स के वर्किंग ग्रुप्स-
वित्तीय ट्रैक के वर्किंग ग्रुप (G20 Finance Track)
फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी), इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर (आईएफए), इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप (आईडब्ल्यूजी), सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप (एसएफडब्ल्यूजी), वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी (जीपीएफआई), संयुक्त वित्त और स्वास्थ्य टास्क फोर्स, अंतर्राष्ट्रीय कराधान, वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे.
शेरपा ट्रैक के वर्किंग ग्रुप (G20 Sherpa Track)
कृषि, भ्रष्टाचार-रोध, संस्कृति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, आपदा जोखिम कम करना, विकास, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जलवायु स्थिरता.
इंगेजमेंट ग्रुप (G20 Engagement Groups)
बिजनेस20, सिविल20, श्रम20, संसद20, विज्ञान20, एसएआई20, स्टार्टअप20, थिंक20, अर्बन20, वुमन20, यूथ20.
जी20 क्या है? (What is G20)
जी20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी. यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच है.
जी20 अहम क्यों है? (Why G20 is Important)
जी20 प्रेसीडेंसी कैसे सौंपी जाती है? (G20 Presidency Process)
जी20 के सदस्य (G20 Member Countries)
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
भारत के लिए इस बार क्यों अहम? (Why G20 Important for India)