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बीजेपी में मतभेद, मोदी-आडवाणी में बढ़ीं दूरियां

भारतीय जनता पार्टी में अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. खबर है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी 2014 में पार्टी की चुनाव प्रचार की कमान पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को देना चाहते थे. इस सिलसिले में दोनों नेताओं के बीच बैठक भी हुई. हालांकि, गडकरी ने आडवाणी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

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भारतीय जनता पार्टी में अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. खबर है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी 2014 में पार्टी की चुनाव प्रचार की कमान पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को देना चाहते थे. इस सिलसिले में दोनों नेताओं के बीच बैठक भी हुई. हालांकि, गडकरी ने आडवाणी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

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सूत्रों के मुताबिक नितिन गडकरी ने नागपुर सीट से खुद लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण अपनी असमर्थता जताई. उन्होंने कहा कि वे अपने चुनाव के कारण इस जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह से समय नहीं निकाल पाएंगे.

वहीं, पार्टी में मोदी के समर्थक चाहते हैं कि चुनाव प्रचार के नेतृत्व को लेकर जल्द फैसला होना चाहिए, क्योंकि समय से पहले लोकसभा चुनाव को नहीं नकारा जा सकता. ऐसे में पार्टी कहीं पिछड़ ना जाए. मोदी खेमे के लोगों का कहना है कि इसका फैसला जल्द हो ताकि गुजरात के मुख्यमंत्री को चुनावी रणनीति के लिए समय मिले.

गौरतलब है कि जब गडकरी पार्टी के अध्यक्ष थे उस वक्त ही चुनाव प्रचार की कमान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देने की बात थी. ऐसे में आडवाणी का गडकरी को यह प्रस्ताव देना उनकी मोदी से बढ़ती दूरियों की ओर इशारा करती हैं.

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दोनों नेताओं के बीच मतभेद की खबरें उस वक्त भी सामने आईं, जब आडवाणी ने अपने भाषण में इशारों ही इशारों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिवराज सिंह चौहान को मोदी से बेहतर बताया. विवाद होने के बाद पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को बयान पर खुद सफाई देनी पड़ी. वहीं शिवराज सिंह ने खुद को मोदी से जूनियर बताकर मामला ठंडा करने की कोशिश की.

जब आडवाणी ने की शिवराज सिंह चौहान की तारीफ
गौरतलब है कि आडवाणी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से तुलना करते हुए दोनों को अहंकार से परे बताया, जबकि उन्‍होंने विकास के लिये शिवराज की तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से की. इशारों ही इशारों में शिवराज सिंह चौहान को मोदी से बेहतर भी बता डाला.

आडवाणी ने कहा था कि गुजरात पहले से ही ‘स्वस्थ’ राज्य है और मोदी ने इसे ‘शानदार’ राज्य में बदल दिया लेकिन चौहान और छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह बीमारू राज्यों को विकसित राज्य में बदलने में सफल रहे.

शिवराज और राजनाथ सिंह को देनी पड़ी सफाई
शिवराज ने कहा कि आडवाणी ने मोदी और रमन सिंह की भी तारीफ की, मैं तो तीसरे नंबर पर था. नरेंद्र मोदी और रमन सिंह मुझसे सीनियर हैं. वहीं, बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कहना था कि लालकृष्ण आडवाणी के बयान को गलत समझा गया.

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