भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन के लिए अब भारतीय वायुसेना ने कमर कस ली है. उसने अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले यात्रियों को चुनने की प्रक्रिया तेज कर दी है. गगनयान इसरो का पहला मानव मिशन है, इसके लिए भारतीय वायुसेना अंतरिक्ष में जाने वाले 10 क्रू मेंबर्स का चयन करेगी. इसरो चीफ डॉ. के सिवन ने बताया कि 10 लोगों में से ISRO अंतिम तीन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करेगी, जिसे भारतीय वायुसेना प्रशिक्षण देगी.
ISRO चीफ डॉ. के सिवन ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने इसरो के साथ समझौता किया है. इसरो के बेंगलुरु स्थित ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर में क्रू के सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाएगी. IAF गगनयान मिशन के लिए 10 क्रू मेंबर्स की स्क्रीनिंग करेगी. स्क्रीनिंग और सेलेक्शन की पूरी प्रकिया दो महीनों में पूरी हो जाएगी. इसके बाद इसरो इन 10 सदस्यों में से 3 को चुनेगा जो अंतरिक्ष में जाएंगे.
अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को वापस लौटने के लिए इसरो ने ह्यूमन कैप्सूल बनाया है. इसी कैप्सूल में बैठकर वे पृथ्वी पर वापस आएंगे. कैप्सूल की लैंडिंग समुद्र में होगी. फिर भारतीय नौसेना कैप्सूल को रिकवर करेगी.
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First meeting of Gaganyaan National Advisory Council held today (June 8, 2019) at ISRO Headquarters, Bengaluru. pic.twitter.com/X8dPXvvcke
— ISRO (@isro) June 8, 2019
8 जून को हुई थी नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की पहली मीटिंग
ISRO ने हाल ही में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) की पहली मीटिंग की. इसमें गगनयान प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी एजेंसियों के सदस्य थे. एजेंसी ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में ले जाने वाले GSLV MK-III के CE-20 इंजन का परीक्षण भी किया था. ISRO चेयरमैन के सिवन ने बताया कि मीटिंग में पूर्व अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा भी शामिल हुए. उन्होंने क्रू ट्रेनिंग के साथ ही पूरे प्लान पर चर्चा की. सिवन ने बताया कि NAC इस मिशन की तैयारियों को लेकर हर हर तीन महीने में रिव्यू मीटिंग करेगी.
ये लोग थे नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में
इसरो चीफ डॉ. के सिवन, स्पेस मिशन के लिए वायुसेना के अफसर एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर, रियर एडमिरल डीएस गुजराल, डीआरडीओ निदेशक जी सतीश रेड्डी, एचएएल सीएमडी आर माधवन और भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा शामिल थे.
40 महीने में पूरा हो जाएगा मिशन
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया था कि इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद अगले 40 महीने के अंदर गगनयान को लॉन्च कर दिया जाएगा. इससे पहले इसरो के प्रमुख के सिवन ने कहा था कि अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने वाली प्रौद्योगिकी विकसित की जा चुकी है. इस दिशा में मानव क्रू मॉड्यूल और पर्यावरण नियंत्रण तथा जान बचाने की प्रणाली जैसी प्रौद्योगिकी भी विकसित की जा चुकी है.
सिवन ने कहा कि 2022 में गगनयान को रवाना करने के इसरो जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल मार्क-III (GSLV Mark-III) का इस्तेमाल करते हुए दो मानवरहित मिशन और यानों को भेजेगा.
आइए जानते हैं गगनयान (Gaganyaan Mission) की 10 खास बातें
भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा. वायु सेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे. वहीं भारत में जन्मी कल्पना चावला और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष जा चुकी हैं.