scorecardresearch
 

गोवा अधिवेशन आज से, क्या है बीजेपी का गेम प्लान?

गोवा में आज से बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो रही है और सबकी निगाहें नरेंद्र मोदी पर हैं. सबको इंतजार है कि कब नरेंद्र मोदी को कमान सौंपने की घोषणा होगी.

Advertisement
X
Narendra Modi
Narendra Modi

गोवा में आज से बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो रही है और सबकी निगाहें नरेंद्र मोदी पर हैं. सबको इंतजार है कि कब नरेंद्र मोदी को कमान सौंपने की घोषणा होगी. हालांकि इसे लेकर बीजेपी के भीतर ही मतभेद भी हैं. इन मतभेदों को बीजेपी आलाकमान ने जितना सुलझाने की कोशिश की है, उतना ही उलझते भी गए हैं.

Advertisement

सवाल यह है कि जो कहानी 2002 में शुरू हुई थी, क्या उसकी असल पटकथा 2013 में लिखी जायेगी? 2002 में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी सवाल नरेंद्र मोदी ही थे और 11 साल बाद 2013 (गोवा अधिवेशन) में भी सवाल मोदी ही होंगे. 2002 में सवाल था कि नरेंद्र मोदी को राजधर्म के लिए गुजरात के सीएम का पद छोड़ना चाहिए, 2013 में मोदी को 2014 की कमान सौंपने का सवाल है.

2002 में तो मोदी के चहेतों ने ऐसी बिसात बिछाई कि मोदी की गद्दी बरकरार रह गई और माना यही गया कि 2002 में राजधर्म की हार हुई और मोदी जीत गए. वहीं, 2013 में अब मोदी के लिए रेड कारपेट दिल्ली में तो बिछ चुका है, लेकिन इस पर मोदी चलेंगे कब, इस आस में गोवा अधिवेशवन शुरू हो रहा है. और सवाल एक बार फिर मोदी हैं.

Advertisement

2002 के वक्त गुजरात दंगों को बीजेपी पचा नहीं पा रही थी, क्योंकि उस वक्त केंद्र में बीजेपी की ही अगुवाई में एनडीए की सरकार थी, पर 2013 में बीजेपी को मोदी की अगुवाई इसलिए चाहिए, क्योंकि वह केंद्र की सत्ता पर काबिज होना चाहती है. यानी जो मोदी 2002 में वाजपेयी सरकार के लिये दाग थे, वही मोदी 2013 में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए तुरुप का पत्ता बन चुके हैं.

मोदी ने 2014 के मिशन की कमान थामी तो बीजेपी के सांसदों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन बीजेपी के भीतर का अंतर्द्वन्द्व इस बात का है कि मोदी के आने से सीटें तो बढ़ती हैं लेकिन सत्ता फिर भी दूर रहती है. यानी बीजेपी को उन सहयोगियों का भी साथ चाहिये जो अयोध्या, कामन सिविल कोड और धारा 370 को ठंडे बस्ते में डलवाकर बीजेपी के साथ खड़े हुए थे.

इसलिये सवाल यह है कि 2002 में कमान अटल बिहारी वाजपेयी के पास थी, जो मोदी को राजघर्म का पाठ पढ़ा रहे थे और 2013 में बीजेपी मोदी की सवारी करने जा रही है, जहां गुजरात से आगे के मोदी के राजघर्म की नई पटकथा का इंतजार हर कोई कर रहा है. मौजूदा दौर में नरेंद्र मोदी इसलिये गोवा से आगे भी बड़ा सवाल बन चुके हैं.

Advertisement

मोदी को लेकर बीजेपी के भीतर तो सवाल है ही, सहयोगी दल भी इसे बार-बार उठाते रहे हैं. इसलिए मोदी पर गोवा में क्या रणनीति होगी, इस पर देश की निगाहें लगातार बनी हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement