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‘संवेदनहीन’ रवैये के लिये शीला दीक्षित ने दिल्ली पुलिस को कोसा

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने माना कि सामूहिक बलात्कार के बाद हुये विरोध प्रदर्शन ‘आंखे खोलने’ वाले थे और साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ‘संवेदनहीन’ रवैये की आलोचना की जिसके कारण लोगों का पुलिस में विश्वास कम हुआ है.

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शीला दीक्षित
शीला दीक्षित

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने माना कि सामूहिक बलात्कार के बाद हुये विरोध प्रदर्शन ‘आंखे खोलने’ वाले थे और साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ‘संवेदनहीन’ रवैये की आलोचना की जिसके कारण लोगों का पुलिस में विश्वास कम हुआ है.

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शीला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 16 दिसंबर की ‘वीभत्स’ घटना के एक हफ्ते बाद की बजाये थोड़ा पहले देश को संबोधित करना चाहिये था.

उन्होंने माना कि लोग पुलिस की ओर से ‘परेशान’ किये जाने के बारे में सोच कर मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करने से ‘कतराते’ हैं. उन्होंने पुलिस से अपने रवैये और शैली को बदलने को कहा. उनका मानना है कि जरूरत के वक्त पुलिसकर्मियों को ‘सज्जन’ की तरह पेश आना चाहिये.

मुख्यमंत्री ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे इससे चिंता होती है. हां, मुझे इस बात से चिंता होती है कि पुलिस बल उतनी संवेदनशील या जिम्मेदार और उतनी शिष्ट नहीं है, जितना उसे होना चाहिये. व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है और न्यायिक तंत्र एवं नौकरशाही तंत्र में भी बदलाव की जरूरत है, लेकिन इसपर सोचा जाना चाहिये. लेकिन यह ध्यान में रखें कि यह कल ही नहीं होगा.’

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शीला ने कहा, ‘खोट पुलिस में है. मुझे नहीं मालूम. मैं इस खामी के बारे में बताने के दौरान अपने शब्दों को निगलती नहीं हूं. वास्तव में, मैंने खुल्लम-खुल्ला नहीं लेकिन छिपे तौर पर इसका विरोध किया है.’

उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘पुलिस आयुक्त को नियुक्त करना या उन्हें हटाना मेरा काम नहीं है. यह गृह मंत्रालय का काम है और मुझे भरोसा है कि वे कुछ करेंगे.’

मुख्यमंत्री ने इस बात को खारिज किया कि सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण के लिये तुरंत कार्रवाई नहीं की और कहा कि उसने फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करने एवं न्यायमूर्ति जे एस वर्मा समिति बनाने में काफी तेजी दिखायी.

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री का देश को संबोधन देर से आया, उन्होंने कहा, ‘शायद एक हफ्ता काफी देर थी. शायद उन्हें ऐसा पहले करना चाहिये था.’

शीला ने यह भी माना कि अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे अत्यधिक लोगों को हटाया जाना चाहिये.

उन्होंने कहा, ‘मैं आपको खुद के बारे में बता सकती हूं, मुझे इस तरह की सुरक्षा की जरूरत नहीं है. क्यों?.’

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ‘आवाज उठाओ, चिंतन करो’ नाम का एक जागरुकता अभियान शुरू करने जा रही है.

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