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कूड़ा कचरा दिल्ली के लिए बड़ी समस्या: शीला

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने महानगर में बढ़ते कचरे को ‘बड़ी समस्या’ बताते हुए लोगों से महानगर के पर्यावरण की रक्षा के लिए ‘हानिकारक उपभोग परिपाटी’ को बदलने का आह्वान किया.

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मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने महानगर में बढ़ते कचरे को ‘बड़ी समस्या’ बताते हुए लोगों से महानगर के पर्यावरण की रक्षा के लिए ‘हानिकारक उपभोग परिपाटी’ को बदलने का आह्वान किया.

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टेरी द्वारा आयोजित एक समारोह में दीक्षित ने कहा, ‘बढ़ता कूड़ा कचरा हमारे लिए बड़ी समस्या बन गया है. हमें नहीं मालूम कि इन कचरे का क्या किया जाए. हमें अपनी जीवनचर्या बदलने और अनावश्यक गंदगी पैदा नहीं करने की कोशिश करनी चाहिए.’ गौरतलब है कि देश में सबसे ज्यादा ठोस कचरे का उत्पादन दिल्ली में होता है. यहां प्रतिदिन 7000 मीट्रिक टन ठोस कचरे का उत्पादन होता है जबकि दूसरा नंबर मुंबई का है जहां 6500 टन कचरा उत्पादन होता है.’

उन्होंने कहा, ‘हम काफी हानिकारक समाज बन गए हैं. हमें उपभोग की परिपाटी को बदलने की जरूरत है.’ लोगों से पर्यावरण की देखभाल करने की अपील करते हुए दीक्षित ने कहा कि निमंत्रण कार्ड को प्लास्टिक से नहीं ढंकने जैसे ‘छोटे, छोटे कदम’ या अनावश्यक वस्तुएं नहीं खरीदने जैसे कदमों से ‘बड़ा अंतर’ पैदा किया जा सकता है.

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टेरी के महानिदेशक और आईपीसीसी के प्रमुख आर के पचौरी ने कहा, ‘ठोस कचरे का गहरा प्रभाव पड़ता है और अगर हम इसी राह पर चलते रहे तो 2047 तक भारत के सभी बड़े शहरों में कचरे को रखने के लिए उनके क्षेत्रफल से दस गुना ज्यादा जगह की जरूरत होगी.’

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