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मायावती को पहनायी गयी हजार रुपये के नोटों की माला

बसपा संस्थापक कांशीराम की 76वीं जयंती पर पार्टी स्थापना की रजत जयंती के मौके पर समर्थकों से खचाखच भरे राजधानी के विशाल रमाबाई अम्बेडकर मैदान पर हुए महारैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती को हजार-हजार रुपये के चमकदार नोटों की ऐसी आदमकद माला पहना कर स्वागत किया गया कि दूर बैठे लोग बहुत देर तक यही कयास लगाते रहे कि आखिर वह माला किन फूलों से बनायी गयी है.

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बसपा संस्थापक कांशीराम की 76वीं जयंती पर पार्टी स्थापना की रजत जयंती के मौके पर समर्थकों से खचाखच भरे राजधानी के विशाल रमाबाई अम्बेडकर मैदान पर हुए महारैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती को हजार-हजार रुपये के चमकदार नोटों की ऐसी आदमकद माला पहना कर स्वागत किया गया कि दूर बैठे लोग बहुत देर तक यही कयास लगाते रहे कि आखिर वह माला किन फूलों से बनायी गयी है.

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मायावती रैली स्थल पर हेलीकाप्टर से पहुंचीं और घंटो से इंतजार में बैठे समर्थकों ने जैसे ही उनके हेलीकाप्टर को आकाश में देखा, स्वागत में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और आसमान में नीले गुब्बारे छोड़े. पार्टी सुप्रीमो के लिए विशाल मंच पर बीचो बीच एक अकेला सोफा रखा था. वे मंच पर आईं और हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया और सोफे पर बैठ गई.

इसके बाद न फूल न गुलदस्ते बल्कि उनके समर्थकों ने लायी एक झिलमिल करती लहराती बलखाती सी आदमकद माला. उधर मंच पर उपस्थित पार्टी के बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी, लालजी वर्मा आदि अपने पार्टी मुखिया को माला पहना रहे थे तो दूर बैठे उनके समर्थक और यहां तक कि प्रिन्ट मीडिया के लोग माला के फूलों की जाति, देशी है कि विदेशी की कयासबाजी में लगे हुए थे.

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काफी जद्दोजहद के बाद यह पता चला कि वह माला तो हजार-हजार रुपये के नोटो से बनाई गई थी. हजार हजार रुपये के नोटों की माला स्वीकार करने के बाद बसपा सुप्रीमो पुन: सोफे पर बैठ गयी और विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर पास ही खड़े रहे जबकि नसीमुद्दीन, लालजी वर्मा एवं अन्य कई मंत्री मंच से नारे बाजी करते रहे. बसपा मुखिया मायावती महारैली को संबोधित करती उसके पहले बसपा की स्थापना से लेकर बसपा राज के आने और उसकी उपलव्धियों पर आधारित तीन गान नृत्य भी प्रस्तुत किये गये और उस दौरान रैली स्थल पर मौजूद बसपा कार्यकर्ताओ ने पार्टी के झंडे लहरा लहरा कर नारे लगाये, जबकि बहुजन वालंटियर फोर्स के पुरूष और महिला स्वंय सेवक भी खुशी में नाचते रहे.

इस दौरान अचानक चिंता का एक क्षण भी आया, जब मायावती के संबोधन के दौरान ही मधुमक्खियों का एक झुण्ड उड़ाता हुआ रैली के उपर पहुंच गया. हालांकि थोड़ी देर बाद इधर उधर भटकने के बाद यह झुण्ड वहां से कहीं और चला गया और तब जाकर सबके माथे पर छाई चिंता खत्म हो पाई.

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