अचानक कांग्रेस मुख्यालय के अंदर आधा दर्जन लोग बाकायदा रिसेप्शन से पास बनवाकर दाखिल हुए. माथे पर त्रिपुण्ड और गेरुआ कपड़ों को देखकर समझ आ गया कि, ये लोग हिन्दू धर्म से जुड़े मुद्दे को लेकर आए हैं. इनका जत्था सीधे जम्मू-कश्मीर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले कर्ण सिंह के कमरे में गया. वहां उस वक्त कर्ण सिंह तो थे नहीं, लिहाजा अपना ज्ञापन उनके पीए को सौंपा और मिलने के वक्त की अर्जी दे दी. फिर पार्टी मुख्यालय में इस जत्थे का अगला पड़ाव रहा महासचिव दिग्विजय सिंह का दफ्तर.
पीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद आए कांग्रेस मुख्यालय
दरअसल, ये हैदराबाद से आया सर्वदलीय गोरक्षा दल है, जो गौरक्षा के लिए अपनी मांगों के साथ जंतर-मंतर में धरने पर बैठा, फिर पीएम मोदी को ज्ञापन देकर सीधे कांग्रेस मुख्यालय आया. इस दल के संस्थापक राजर्षि धर्मवीर जयपाल कहते हैं कि, मोदी सरकार का आधा कार्यकाल बीत गया, पर हम गौरक्षक जो बड़ी उम्मीद लगाए थे वो पूरी नहीं हुई. इसलिए अब हम कांग्रेस मुख्यालय आए हैं कि, विपक्ष में बैठी कांग्रेस ही कम से कम उनकी मांगें संसद में उठाए, जिससे मोदी सरकार कदम उठाने पर मजबूर हो.
गोवध पर पूरी तरह रोक की मांग
अपने ज्ञापन में इस गौरक्षक दल की मांग है कि, जैसे मांसाहारी जानवर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है. ठीक वैसे ही शाकाहारी पशु गाय को भी राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए. साथ ही गोवध पर पूरी तरह देश भर में बैन लगा दिया जाये. इस दल का कहना है कि, सबसे पहले कांग्रेस की राज्य सरकारों ने पहली बार गोहत्या पर बैन लगाया था, खुद इंदिरा गांधी भी इसकी हिमायती रहीं. इसलिए आज के दौर में कांग्रेस को उनकी इस मांग पर साथ देना चाहिए.
खास वजह से लिया कर्ण सिंह और दिग्विजय सिंह से मिलने का वक्त
सर्वदलीय गौरक्षक दल के मुताबिक, पुराने वक्त में तमाम मुस्लिम शासकों ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगा रखा था, हिन्दू राजा तो गौभक्त और उसके पुजारी माने जाते थे. ऐसे में राजघराने से ताल्लुक रखने वाले कर्ण सिंह और दिग्विजय सिंह से इस दल को खास उम्मीद है कि, वो राहुल गांधी से बात कर मामले को संसद में उठाएंगे. वैसे ये दल दिग्विजय से मिलकर उनके उस बयान को भी याद दिलाना चाहता है, जो उन्होंने 'आज तक' को दिया था. दिग्विजय ने कहा था कि, वो चाहते हैं कि, गोहत्या पर सम्पूर्ण बैन लगाया जाए.
दिग्विजय से बुधवार को मिलेगा दल
फिलहाल कर्ण सिंह और दिग्विजय सिंह के दफ्तर में ज्ञापन देकर इस गौरक्षक दल ने वक्त मांगा है. दोनों नेता दिल्ली से बाहर हैं. लेकिन दिग्विजय सिंह के दफ्तर से तुरंत इनको बुधवार को आकर दिग्विजय से मिलने को कहा गया है. अब ये बुधवार को आकर दिग्विजय से मिलकर अपना ज्ञापन देंगे. इस मामले पर दिग्विजय ने 'आज तक' से कहा कि, वो गोहत्या पर अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन इस गौरक्षक दल से मिलने और इनका ज्ञापन देखने के बाद ही वो अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे.