समलैंगिक संबंधों को अपराध ठहराने वाले धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निराशा जताई, इसके बाद राहुल गांधी ने भी कहा कि वे दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के पक्ष में हैं.
जब राहुल गांधी से समलैंगिक संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यहा मेरा निजी विचार है कि ये निजी स्वतंत्रता के मसले हैं. धारा 377 पर मैं हाई कोर्ट के फैसले के पक्ष में रहूंगा. ये व्यक्तिगत चुनाव का मामला है. हमारा देश विचारधाराओं की आजादी के लिए जाना जाता है.'
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान जारी कहकर कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला सही था. मानवाधिकारों का सम्मान होना चाहिए.
सोनिया गांधी का बयान
मुझे दुख है कि सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंध पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने हमारे संविधान में निहित बुनियादी मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाले एक दकियानूसी, दमनकारी और अन्यायपूर्ण कानून को हटा दिया था. हमारे संविधान की उदारवादी विरासत है जो पूर्वाग्रह और किसी तरह के भेदभाव से निपटने का संदेश देता है. हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है जिसका नजरिया हमेशा से समावेशी और सबको साथ लेकर चलने वाला रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हमें एक अलग रास्ता सुझाया है. मुझे उम्मीद है कि संसद इस मुद्दे का समाधान करेगा और सभी नागरिकों को मिलने वाले जीवन व स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार को बनाए रखेगा, जिसमें इस फैसले से सीधे तौर पर प्रभावित होने वाले लोग भी शामिल हैं.