बाढ़ पीड़ितों के लिए भारत की ओर से आई मदद स्वीकार करने पर कुछ राजनेताओं की ओर से आलोचना का शिकार बने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि इस प्रस्ताव को स्वीकार न करना ‘संकीर्ण मानसिकता’ का परिचायक होता.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग भारतीय सहायता लेने की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें इसका कारण बताना चाहिए.
गिलानी ने संवाददाताओं से कहा ‘मैं आलोचकों से पूछना चाहूंगा कि मैं किस आधार पर इसे लेने से इंकार करता. अगर हम भारत की सहायता लेने से मना कर देते तो यह संकीर्ण मानसिकता का परिचायक होता.’ कई दिनों तक टालमटोल करने के बाद पाकिस्तान ने पिछले दिनों भारत की ओर से दी गई 50 लाख डॉलर की मदद का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. गिलानी ने कहा कि इस कदम ने पाकिस्तान की कूटनीतिक छवि को बदला है.
हालांकि सरकार के इस कदम का कई राजनेता घोर विरोध कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के प्रमुख रजा जफर उल-हक ने कहा ‘‘सरकार ने अमेरिका के कहने के बाद भारत से मिली सहायता स्वीकार की है.’
‘जंग’ ने हक के हवाले से कहा है ‘‘मीडिया में इस बारे में पहले ही खबरें आ गईं थीं, लेकिन विदेश मंत्री कुरैशी ने इस बात को शुक्रवार को सार्वजनिक किया. अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारत की सहायता स्वीकार कर ले.’