सामान्य वर्ग को आरक्षण वाले बिल पर बहस करते हुए आरजेडी सांसद जय प्रकाश नारायण यादव ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह बिल एक धोखा है. उन्होंने पिछड़ों-दलितों के लिए 85 प्रतिशत आरक्षण की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले से आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बैरियर टूट गया है और अब ये 50 से 60 फीसदी तक पहुंच गया है. जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि सरकार को जातीय जनगणना करानी चाहिए और जिस जाति की जनसंख्या जितनी है उसे उतना ही आरक्षण देना चाहिए. उन्होंने नारा दिया, " जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी."
बांका से आरजेडी सांसद ने कहा कि लालू यादव लगातार यह मांग करते रहे हैं कि जाति के आधार पर गणना कराई जाए लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं होती है. जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि उन्हें 85 फीसदी आरक्षण चाहिए. उन्होंने कहा, "एससी, एसटी, ओबीसी, दलित, अति पिछड़ा, हमें 85 परसेंट चाहिए, 10 प्रतिशत आप ले जाइए हमें कोई आपत्ति नहीं है." उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम हैं, क्रिश्चयन हैं, दलित हैं, पिछड़े हैं उनके हिस्से को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि सरकार को यह भी सर्वे करना चाहिए कि कोई भूमिहीन है, किसके पास छत नहीं है और किसके पास घर नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को इन पैमानों के आधार पर आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए. जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि अबतक जिनकी हकमारी हुई है, जो पिछड़े रह गए हैं उन्हें आगे लाए जाने की जरूरत है. जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में जो आरक्षण देने का तरीका है उससे एसएसी, एसटी और पिछड़ा का बेटा कभी प्रोफेसर नहीं बन पाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव देखते हुए सरकार शिकारी की तरह जाल बिछा रही है. उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण का दायरा 27 से बढ़ाकर 85 फीसदी नहीं किया गया तो उनकी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेगी.