सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया. नवनियुक्त सेनाध्यक्ष अपना कार्यभार संभालने के बाद पहली बार सियाचिन पहुंचे.
जनरल नरवाणे ने सियाचिन सेक्टर में अग्रिम चौकियों का दौरा किया. उनके साथ उत्तरी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद रहे.
सियाचिन ब्रिगेड के कमांडर ने जनरल नरवणे को सेक्टर में ऑपरेशनल तैयारियों के संबंध में अवगत कराया. सेनाध्यक्ष ने इस मौके पर अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों से बात की. साथ ही मौसम की तमाम मुश्किलों के बीच दृढ़ता और ऊंचा मनोबल बनाए रखने के लिए जवानों की प्रशंसा की.
जवानों पर गर्व
जनरल नरवणे ने कहा कि सियाचिन में तैनात जवानों पर पूरे देश को गर्व है जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी मोर्चे पर डटे रहते हैं. सेनाध्यक्ष ने सैनिकों को इसी जोश के साथ ड्यूटी निभाते रहने के लिए कहा. साथ ही कहा कि पूरे देश और सेना की ओर से समर्थन हर वक्त उनके साथ है.
सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे ने सियाचिन बेस कैम्प स्थित सियाचिन युद्ध स्मारक पर जाकर उन रणबांकुरों को श्रद्धांजलि भी दी, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान किया. बता दें कि जनरल नरवणे ने पूर्व सेना अध्यक्ष बिपिन रावत के इस्तीफा देने के बाद 31 दिसंबर को पदभार संभाला. जनरल नरवणे देश के 28वें सेनाध्यक्ष हैं. जनरल रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए गए हैं.