गाजियाबाद के लोगों के लिए मेट्रो सेवा का इंतजार खत्म होने के थोड़ा करीब आ गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मेट्रो परियोजना के लिए दूसरे चरण के बढ़े हुए खर्च को मंजूरी दे दी है.
राज्य सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के लिए अतिरिक्त कोष मंजूर कर लिया. राज्य में शासन परिवर्तनों के कारण पिछले कुछ सालों से परियोजना अधर में झूल रही थी.
सूत्रों के मुताबिक नया अनुमानित खर्च 1,116.60 करोड़ रुपये मंजूर किया गया. राज्य विधान सभा का सत्र चालू रहने के कारण इस बारे में घोषणा बाद में की जाने की उम्मीद है.
परियोजना के लिए केंद्र सरकार 344 करोड़ रुपये और दिल्ली मेट्रो रेल निगम 256 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार पहले इस पर 991 करोड़ रुपये खर्च करने वाली थी, जो अब 1,116.60 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
राज्य सरकार ने अपने खर्च को चार विभागों के बीच बांटने के बारे में भी फैसला कर लिया है. ये विभाग हैं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद नगर निगम, राज्य औद्योगिक विकास निगम और आवास विकास परिषद.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'परियोजना के लिए बजट आवंटन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न सम्बंधित मुद्दों पर विचार किया गया था.'
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर योजना के मुताबिक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण 525.10 करोड़ रुपये, गाजियाबाद नगर निगम 185.90 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम 73.20 करोड़ रुपये और आवास विकास परिषद 332.40 करोड़ रुपये खर्च करेंगे.
दूसरे चरण को पिछले साल 17 अक्टूबर को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. गाजियाबाद मेट्रो का विस्तार दिल्ली के दिलशाद गार्डन से गाजियाबाद में नया बस टर्मिनल के नजदीक महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम तक होगा.