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गुलाम नबी ने ISIS से की RSS की तुलना, कानूनी कार्रवाई कर सकता है संघ

गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं. अगर इस्लाम में ऐसे लोग हों जो गलत चीजें करते हैं, तो वे आरएसएस से कम नहीं हैं.'

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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस से कर दी. यही नहीं, उन्होंने देश के मुसलमानों से मांग की कि वे देश को कथित तौर पर बांटने को लेकर ISIS और संघ दोनों का विरोध करें.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता सम्मेलन' में कहा, 'हम मुसलमानों के बीच भी ऐसे लोगों को देखते हैं कि जो मुस्लिम देशों की तबाही की वजह बन गए हैं. इनके पीछे कुछ ताकते हैं. लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि मुसलमान इसमें क्यों शामिल हो रहे हैं, वे क्यों फंसते जा रहे हैं?'

उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए हम आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं. अगर इस्लाम में ऐसे लोग हों जो गलत चीजें करते हैं, तो वे आरएसएस से कम नहीं हैं.'

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कांग्रेस नेता ने इस दौरान बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'जो लोग अपने इतिहास के सिवाय दूसरों का इतिहास नहीं पढ़ते, वो ऐसे ही बोलते हैं जो आजकल दिख रहा है. देश में लड़ाई हिंदू और मुसलमान के बीच नहीं, बल्कि नजरिए की है. हम लोगों को सभी तरह की सांप्रदायिकता का मिलकर मुकाबला करना है.'

बीजेपी ने कहा- माफी मांगे गुलाम नबी
दूसरी ओर, गुलाम नबी के बयान पर आरएसएस और बीजेपी दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनके बयान पर आरएसएस नेता जे. नंद कुमार ने नागपुर में कहा, 'आजाद की ओर से आईएसआईएस की आरएसएस से तुलना करना कांग्रेस के बौद्धिक दिवालियेपन और आईएसआईएस जैसी कट्टरपंथी तथा निर्मम ताकतों से निपटने की उसकी अनिच्छा को दर्शाता है.'

कानूनी कार्रवाई पर भी विचार
उन्होंने कहा कि आरएसएस की सर्वोच्च नीति निर्धारण निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस मामले पर कानूनी कार्रवाई को लेकर चर्चा करेगी. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, ‘आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने ऐसा कहा है. यह उनके मानसिक दिवालियेपन को दिखाता है. उनको माफी मांगनी चाहिए या फिर सोनिया गांधी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.'

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