शर्म अल शेख में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिलकर लौटे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को संसद में अपनी इस मुलाकात पर बयान दिया. लिखित बयान में प्रधानमंत्री ने सदन को बताया कि उन्होंने पाकिस्तान को कड़े लहजे में आतंकवाद पर भारत का एतराज बता दिया है.
प्रधानमंत्री के मुताबिक मुंबई हमले को लेकर और पाकिस्तान की जमीन में फल फूल रहे आतंकी ढांचे को खत्म करने की बात भी गीलानी के सामने रखी गई जिस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भी ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया. प्रधानमंत्री के मुताबिक साझा बयान में उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद को दोनों मुल्कों के बीच बातचीत की प्रक्रिया से जोड़ा नहीं जाना चाहिए, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आगे की बातचीत पाकिस्तान के रवैये से ही तय होगी.
बीजेपी ने सदन से किया वॉकआउट
प्रधानमंत्री बयान देकर बैठे नहीं थे कि बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ नरमी से पेश आने और बातचीत करने पर सवाल खड़ा कर दिया. सुषमा स्वराज की बात अनसुनी होने लगी तो विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी सदन में खड़े हुए. उन्होंने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के रुख में नरमी पर ना सिर्फ एतराज जताया बल्कि अपने सांसदों को लेकर सदन से बाहर भी चले गये. इससे पहले राज्यसभा में बीजेपी के महासचिव और सांसद अरुण जेटली ने आतंकवाद और पाकिस्तान से बातचीत पर भारत के रुख को लेकर सवाल उठाया. जेटली ने कहा कि ऐसी क्या वजह थी, जिससे भारत को यू टर्न लेना पड़ा और पाकिस्तान से बातचीत और आतंकवाद को अलग अलग देखने की जरूरत पड़ गई.