सचिन तेंदुलकर की ईमानदारी पर सवाल उठाने वाले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने आज सचिन को फोन कर उनसे माफी मांगी और कहा कि उनकी बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया. शायद गिलक्रिस्ट को समझ में आ गया है कि उन्होंने किस पर इल्ज़ाम लगाया है.
गिलक्रिस्ट ने अपनी किताब में सचिन तेंदुलकर के बारे में लिखा है कि भज्जी सायमंड्स विवाद में उन्होंने ईमानदारी नहीं बरती. उनके मुताबिक "सचिन ने अपना बयान बार-बार बदला. पहले उन्होंने कहा कि वो नहीं सुन पाए कि हरभजन ने सायमंड्स से क्या कहा क्योंकि वे काफी दूर थे और यह सच भी है लेकिन दूसरी सुनवाई में सचिन ने बात बदलते हुए कहा कि हरभजन ने सायमंड्स को हिंदी में कुछ कहा था."
इतना ही नहीं गिलक्रिस्ट ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि उनकी नज़रों में यह पूरा मामला किसी मज़ाक से कुछ कम नहीं. गिलक्रिस्ट तो यहां तक कहने से नहीं चूके कि सचिन हारने के बाद खेल भावना भूल जाते हैं, सिडनी टेस्ट का हवाला देते हुए उनका कहना था कि. "भारत को हारने के बाद हम हाथ मिलाने के लिए भारतीय ड्रेसिंग रूम में गए तो सचिन नहीं थे. हरभजन भी वहां पर नहीं थे. यह शायद संस्कृति का अंतर है. हम सबकुछ मैदान पर छोड़ देते हैं और विरोधी से हाथ मिला लेते हैं."
शायद मौजूदा भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ की मोहाली में करारी शिकस्त से ध्यान हटाने और अपनी किताब के प्रमोशन करने के लिए गिलक्रिस्ट जैसे महान खिलाड़ी ने यह पासा फेंका है. या बार-बार बयान बदलना एडम गिलक्रिस्ट की फितरत का हिस्सा है.