भारत की बढ़ती आबादी से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज चिंतित हैं और इस पर सख्त कानून की आवश्यकता बता रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने पर कानून बनाने की मांग की है. गिरिराज सिंह का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए पूरे देश में कानून होना चाहिए. इसके लिए वह मुहिम छेड़ेंगे.
बता दें कि गिरिराज सिंह इससे पहले भी जनसंख्या के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं. पिछले साल गिरिराज सिंह ने कहा था कि भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत है और हर साल ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर इसमें बढ़ोतरी होती है. ऐसे में इस पर नियंत्रण बहुत जरूरी है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि कैराना में जो बातें निकल कर आईं और जो हमारे सांसद महोदय ने भी लोगों के सामने लाया कि लोग भाग रहे हैं. आज एक कैराना नहीं, एक लव जिहाद नहीं, बल्कि देश में हजारों कैराना और हजारों मल्लापुरम हैं. जहां-जहां हिंदू की जनसंख्या गिरी है, सामाजिक समरसता टूटी है. इसलिए देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कड़ा कानून बने, जो हिन्दु और मुस्लिम दोनों पर लागू हो.साक्षी महाराज का भी यही कहना है कि हम दो हमारे दो कानून का पालन होना चाहिए. तभी फायदा होगा. गिरिराज सिंह का कहना है कि मैंने पहले भी कहा है कि विकास का संकट है सामाजिक समरसता पर संकट है. इस पर आंदोलन नहीं जागरुकता होनी चाहिए. इसके लिए लोगों में जागरुकता लाएंगे. साक्षी महाराज का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जोर शोर से जन जागरण करेंगे.
परिवार नियोजन के लिए सख्त कानून की मांग करने वाले गिरिराज सिंह हालांकि इस मुद्दे पर विवादों के घेरे में आ चुके हैं. दरअसल, गिरिराज ने साल 2016 में कहा था कि हिन्दुओं को अधिक बच्चा पैदा कर देश में उनकी जनसंख्या बढ़ाने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.
बता दें कि आबादी के लिहाज से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर चीन है और तीसरे पर अमेरिका.
फिलहाल भारत की जनसंख्या 1.3 अरब और चीन की 1.4 अरब है. भारत समेत दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या ने चिंता बढ़ा दी है. मोटे तौर पर हर साल 8.3 करोड़ आबादी बढ़ रही है, जबकि अनाज उत्पादन में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. साल 2030 तक दुनिया की आबादी 8.6 अरब और 2050 तक 9.8 अरब हो जाएगी. इतना ही नहीं, साल 2050 तक 60 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या दो गुनी से भी ज्यादा हो जाएगी.