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गिरिराज सिंह बोले- जब सावरकर की मूर्ति तोड़ी जा रही थी तो वामपंथी ताली बजा रहे थे

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में वामपंथी सरकारों के शासनकाल में हजारों निर्दोष लोगों का कत्ल हुआ इसीलिए वामपंथी लोगों को हिंसा पर सवाल उठाने का नैतिक हक नहीं है. 

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद जो हिंसा और मूर्ति तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ अब वह देश के अन्य हिस्सों में भी फैल रहा है. त्रिपुरा में लेनिन, तमिलनाडु में पेरियार, पश्चिम बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अब उत्तर प्रदेश में बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तियां तोड़ी जा चुकी हैं. इन घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं लेकिन उनके मंत्री गिरिराज सिंह की राय कुछ जुदा है.

गिरिराज सिंह ने कहा कि मूर्तियां तोड़ने और हिंसा के लिए BJP पर उंगली उठाने से पहले वामपंथी नेताओं को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में वामपंथी सरकारों के शासनकाल में हजारों निर्दोष लोगों का कत्ल हुआ इसीलिए वामपंथी लोगों को हिंसा पर सवाल उठाने का नैतिक हक नहीं है. 

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केंद्रीय मंत्री बोले कि "हम लोगों का इतिहास तोड़फोड़ और हत्या में विश्वास नहीं रखता. हम लोग वैचारिक परिवर्तन में भरोसा रखते हैं. त्रिपुरा में हमारी सरकार वैचारिक परिवर्तन की वजह से बनी. जिन लोगों ने त्रिपुरा केरल में हजारों लोगों की हत्या की वह लोग हमें आईना दिखाने की कोशिश ना करें.

वामपंथी दलों पर करारा हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि "जब अंडमान निकोबार में वीर सावरकर की मूर्ति तोड़ी जा रही थी तो वामपंथी लोग तालियां बजा रहे थे. सीताराम येचुरी हमें गाली ना दें क्योंकि RSS के बराबर में आने के लिए उन्हें हजार बार गंगा में डुबकी लगानी पड़ेगी."

गिरिराज सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी बीजेपी के लोगों के लिए के प्राण हैं और पेरियार प्रेरणा के स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया था तब वामपंथी लोग तालियां बजा रहे थे. लेकिन जब पाकिस्तान से युद्ध हुआ था तब RSS के लोग सिविल पुलिस का काम कर रहे थे.

वामपंथी पार्टियों पर सख्त टिप्पणी करते हुए गिरिराज ने कहा कि हम लोग देश के लिए मर मिटने वाले लोग हैं और यह लोग देशद्रोहियों की श्रेणी में रहने वाले लोग हैं जो खाते यहां की हैं गाते चीन की हैं.

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