गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चोकसी के मामले में जांच एजेंसियों ने शुरुआती जांच में पाया है कि चोकसी ने नवंबर 2010 से अप्रैल 2014 के बीच 31 बैंकों से 5,280 करोड़ रुपये बतौर कर्ज हासिल किए थे, जबकि उसके पास केवल 100 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति थी. मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इलाहाबाद बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली ऑलबैंक फाइनेंस लिमिटेड इस मामले में प्रतिभूतियों की संरक्षक है.
जांच एजेंसियों ने बैंकों से मांगा स्पष्टीकरण
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसियों ने इलाहाबाद बैंक और ऑल बैंक फाइनेंस लिमिटेड के अधिकारियों से चोकसी के फर्म को दिए गए लोन के बारे में जानकारी साझा करने और लोन के लिए अपर्याप्त प्रमाण के कारणों पर स्पष्टीकरण मांगा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद बैंक और चोकसी के फर्म ने मामले पर प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए किसी भी मेल, फोन कॉल अथवा मैसेज पर कोई जवाब नहीं दिया है.
इन बैंकों से चोकसी ने लिया कर्ज
रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी ने इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, देना बैंक, एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, विजया बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस, कैथोलिक सीरियन बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से लोन लिया था.
बढ़ाई गई कर्ज की सीमा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2013 में बैंकों के संघ ने चोकसी के फर्मों के लिए कर्ज की रकम 3,610 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,280 करोड़ रुपये कर दिया.
चोकसी की 73 कंपनियों पर जांच एजेंसियों की नजर
पंजाब नेशनल बैंक से 12,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में चोकसी से जुड़ी करीब 73 कंपनियां सीबीआई, ईडी और सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) की जांच के घेरे में हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ा चोकसी का कारोबार
इन 73 फर्मों से पता चलता है कि चोकसी का कारोबार एक-दूसरे से बिल्कुल अलग रीयल इस्टेट, कृषि और डेयरी, टेलीकम्यूनिकेशन्स, आईटी, वित्त सेवा और स्टॉक ट्रेडिंग से जुड़ा है. इन फर्मों की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर कंपनियां कुछ ही समय में बंद होने की कगार पर हैं.