गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में आगे के कदमों पर फैसला लिया जाएगा. अनिश्चितकालीन बंद के कारण दार्जीलिंग में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
बता दें कि बैठक 11 बजे जिमखाना क्लब में होनी है. इसमें पहाड़ी हिस्से के लगभग सभी राजनीतिक दल शामिल हो सकते हैं.
जीजेएम के नेता ने कहा, कि पहाड़ के सभी दलों से हम चर्चा करेंगे और फिर आगे की कार्वाई पर फैसला लेंगे. सुरक्षा बल सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं और लगातार तीसरे दिन भी यहां इंटरनेट सेवाएं बंद रही. दवाईयों की दुकानों को छोड़कर बाकी की सभी दुकानें बंद रहीं.
अलग राज्यों की मांग को लेकर सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किए थे. साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पुतले जलाए थे.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के सभी स्कूलों में बंगाली पढ़ाए जाने को अनिवार्य किए जाने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दार्जिलिंग दौरे के खिलाफ जीजेएम पूरे पहाड़ी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. जीजेएम की मांग है कि नेपाली को भाषा के रूप में पढ़ाया जाए या जरूरत हो तो हिंदी पढ़ाया जाए, लेकिन गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ममता के निर्णय के बिल्कुल खिलाफ है.
अलग गोरखालैंड की मांग
ममता बनर्जी के दौरे से पहले और आने के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरकर दार्जिलिंग की सड़कों पर काले झंडे दिखाए और अलग गोरखालैंड की मांग की. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के संस्थापक बिमल गुरंग ने कहा कि ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाली पढ़ना अनिवार्य नहीं, बल्कि च्वॉइस होगी. उन्होंने ने मांग करते हुए कहा कि ममता बनर्जी इस संबंध में विधानसभा में बिल पास करें कि नेपाली भाषा को पूरी सुरक्षा मिलेगी.