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ट्विटर पर दिखा हैंडलूम का ग्लैमर, स्मृति ईरानी के हैशटैग को मिला बड़ा समर्थन

हैंडलूम के ग्लैमर की एक और कहानी कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखी. बुनकरों के समर्थन और हैंडलूम का बखान करने वाले इस ट्वीट पर लोगों ने झूमकर समर्थन दिया. स्मृति का ट्वीट घंटों तक ट्रेंड करता रहा.

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केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी

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हैंडलूम के ग्लैमर की एक और कहानी कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखी. बुनकरों के समर्थन और हैंडलूम का बखान करने वाले इस ट्वीट पर लोगों ने झूमकर समर्थन दिया. स्मृति का ट्वीट घंटों तक ट्रेंड करता रहा.

दिखा कपड़ा मंत्रालय का ग्लैमर
इसे पांच हजार से ज्यादा लोगों ने हैंडलूम कपड़े पहन कर अपनी तस्वीरों के साथ रिट्वीट किया. यानी रोजाना हैंडलूम पहनने वालों को भी गौरव का अहसास हुआ और जिन्हें हैंडलूम पहनने की आदत नहीं है, उनको एक बहाना मिला. यानी हाशिए पर पड़ा कपड़ा मंत्रालय सही में जलवा दिखाने लगा है.

खूब चला आई वियर हैंडलूम का हैशटैग
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के इस ट्वीट ने तो कपड़े के शौकीनों को एक नया बहाना दे दिया. आई वियर हैंडलूम के हैशटैग को 75 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और अपने विचार दिए. यानी स्मृति का जलवा एक बार फिर दिखा.

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कपड़ा मंत्रालय में काम संभालने गई स्मृति के आगे-पीछे जब कैमरों की चकाचौंध देखकर मंत्रालय के अधिकारी अचरज में पड़ गए थे तो स्मृति ने उनको हंसते हुए सलाह दे डाली थी कि अब इसकी आदत डाल लीजिए .

हैंडलूम को मिला गौरव
स्मृति के ताजा ट्वीट को उनके लाखों फॉलोअर्स में से पलक झपकते ही करीब चार हजार लोगों ने रिट्वीट किया. वो भी हैंडलूम पहने अपनी तस्वीरों के साथ. 75 हजार से ज्यादा लोगों ने बुनकरों और हैंडलूम को समर्थन देने वाले इस ट्वीट पर अपने कमेंट लिखे और लाइक किया. हालांकि देश में करोड़ों लोग हैं जो रोज जाने अनजाने हैंडलूम ही पहनते हैं, लेकिन स्मृति के इस ट्वीट ने उनको गौरव से भर दिया.

हैंडलूम का टैक्सचर महसूस करने की जरूरत
अब फेसबुक पर सिक्स यार्ड 365 डेज नाम के ग्रुप की संयोजक और हजारों साड़ियों का कलेक्शन रखने वाली सुनीता बुद्धिराजा के लिए हैंडलूम डे और करघों का संगीत तो रोज महसूस करने की शय है. किंडलवर्ल्ड कम्यूनिकेशन की सीईओ बुद्धिराजा 1975 से मैं रोज साड़ी ही पहनती हूं, वो भी हाथ से बुनी हुई. हर साड़ी की अपनी कहानी होती है अपना टैक्सचर... इसे महसूस करने की जरूरत है.

स्मृति ईरानी का कहना है कि ये तो शुरुआत भर है. अभी तो देश के दूसरे सबसे बड़े रोजगार सर्जक और संस्कृति के ध्वजवाहक मंत्रालय को इसके असली गौरव तक पहुंचाना है.

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