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ग्लोबल वार्मिंग का छत्तीसगढ़ की जीडीपी पर नहीं पड़ेगा प्रभाव: बृजमोहन अग्रवाल

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान और मानसून वर्षा पैटर्न में बदलाव से भविष्य में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.8 फीसदी की गिरवाट आ सकती है.

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अंशुमान तिवारी और बृजमोहन अग्रवाल
अंशुमान तिवारी और बृजमोहन अग्रवाल

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विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान और मानसून वर्षा पैटर्न में बदलाव से भविष्य में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.8 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भारत में कर्क रेखा पर पड़ने वाले राज्यों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा.

इंडिया टुडे के कार्यक्रम स्टेट ऑफ स्टेट में इंडिया टुडे हिंदी मैगजीन के संपादक अंशुमान तिवारी से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री वृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इसका कोई भी प्रभाव राज्य पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ के पास 42 प्रतिशत वन क्षेत्र है. वहीं राज्य सरकार हर वर्ष दस करोड़ वृक्षारोपण कर रही है.

बृजमोहन अग्रवाल ने यह भी कहा कि ये तो वैसी ही बात हो गई कि अमेरिका ग्वोबल वार्मिंग के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, लेकिन इसकी कीमत हर देश से चाहता है.

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विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका इन परिवर्तनों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगे, जबकि अफगानिस्तान और नेपाल को इससे लाभ होगा क्योंकि वे अपेक्षाकृत ठंडे हैं. रिपोर्ट में इस बात की चेतावनी दी गई है कि इससे भारत में लगभग 60 करोड़ लोगों के रहन-सहन के स्तर में बड़ी गिरावट आ सकती है.

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