गोवा के 10 कांग्रेसी बागी विधायक गुरुवार को औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसी के साथ बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े से कहीं ज्यादा विधायकों की संख्या हासिल करने में कामयाब हो गई. ऐसे में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं और कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है. जबकि मौजूदा कुछ मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है.
गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री मौजूदा कुछ मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं हैं. कुछ मंत्री ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि वही सरकार हैं. ऐसे में सीएम ने कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी में शामिल कराकर गोवा के हित में बड़ा कदम उठाया है.
Goa Dy Speaker Michael Lobo on state cabinet reshuffle: CM will do the correction that is needed. After merger of Congress MLAs with BJP,CM told he was unhappy with functioning of certain Ministers as they were taking people for granted. They were acting as if they were the govt. pic.twitter.com/X42w4G5hii
— ANI (@ANI) July 12, 2019
गोवा में हुए सियासी उलटफेर के बाद अब बीजेपी गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) और निर्दलीय विधायकों के दबाव से मुक्त हो गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक जीएफपी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की डिप्टी सीएम के पद से छुट्टी हो सकती है. इसके अलावा निर्दलीय विधायक और राजस्व मंत्री रोहन खाउंते को मंत्री पद से हटाया जा सकता है.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शाामिल होने वाले 10 विधायकों में से तीन को मंत्री बनाया जा सकता है. इनमें प्रतिपक्ष के नेता रहे चंद्रकांत कावलेकर और पणजी सीट से उपचुनाव जीतने वाले अतानासियो मोनसेराते को मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा वेलिम सीट से विधायक फिलिप नेरी को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है. डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
बता दें कि गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं. कांग्रेस के 10 बागी विधायकों के शामिल होने के बाद बीजेपी की संख्या 27 हो गई है. जबकि बहुमत के लिए 21 विधायक चाहिए. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 5, जीएफपी के पास 3, एनसीपी व एमजीपी का एक-एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं. तीनों निर्दलीय विधायक भी बीजेपी को समर्थन कर रहे हैं.