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पर्रिकर की बीमारी का फायदा उठाने की फिराक में कांग्रेस, 15 MLA के साथ राज्यपाल से मिले

चालीस सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं. सभी विधायकों ने राज्यपाल को उनकी अनुपस्थिति में सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि वह विधानसभा भंग नहीं करें, बल्कि वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी को आमंत्रित करें. 

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मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)

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गोवा में कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें बीजेपी सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के लिए कहा. विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि राज्यपाल को विधानसभा का एकदिवसीय सत्र बुलाकर बहुमत साबित करवाना चाहिए. सिन्हा के साथ मुलाकात के बाद कावलेकर ने संवाददाताओं से कहा, 'राज्य सरकार सदन में साबित करे कि उसके पास बहुमत है अन्यथा हम दिखाएंगे कि हमारे पास उनसे ज्यादा विधायक हैं.' कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा.

कांग्रेस ने यह कदम उस समय उठाया है जब 62 साल के पर्रिकर को अग्नाशय के रोग के चलते दिल्ली में एम्स में भर्ती कराया गया है.

बता दें कि 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं. सभी 16 विधायकों ने राज्यपाल को उनकी अनुपस्थिति में सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि वह विधानसभा भंग नहीं करें, बल्कि वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी को आमंत्रित करें. कांग्रेस के विधायक सोमवार को राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद कांग्रेस नेता राजभवन में एक पत्र छोड़कर चले आए जिसमें उन्होंने राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए मौका देने की मांग की है.

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गोवा कांग्रेस के प्रमुख चंद्रकांत कावलेकर ने सोमवार को कहा था, 'हमने राज्यपाल को दो ज्ञापन सौंपे हैं और उनसे अनुरोध किया है कि 18 महीने के भीतर ही चुनाव से गुजरने की स्थिति फिर पैदा नहीं होनी चाहिए. जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है. अगर मौजूदा सरकार कार्य करने में सक्षम नहीं है तो हमें सरकार गठन का मौका दिया जाए.'

स्थिरता बनाए रखें- शाह

इस बीच, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख विजय सरदेसाई ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फोन कर उनसे गोवा में राजनीतिक हालात और 'स्थिरता सुनिश्चित करने' के विषय पर चर्चा की. जीएफपी बीजेपी की सहयोगी पार्टी है और राज्य में उसके तीन विधायक हैं.

सरदेसाई ने बताया, 'राजनीतिक हालात का जायजा लेने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के यहां पहुंचने से पहले अमित शाह ने मुझे फोन किया. उन्होंने खासतौर पर राजनीति हालात एवं मनोहर पर्रिकर सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने पर चर्चा के लिए फोन किया था.'

जीएफपी प्रमुख ने कहा, 'शाह ने मुझे बीजेपी पर्यवेक्षकों की प्रस्तावित यात्रा के बारे में सूचित किया. सरकार में सहयोगी कितने अहम हैं और स्थिरता सुनिश्चित करने में उसकी भूमिका को लेकर उन्होंने चर्चा की.' सरदेसाई ने दावा किया कि उन्होंने मांग की थी कि पर्रिकर की बीमारी को देखते हुए गोवा में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में अगर बीजेपी कुछ सोच रही है तो इसका स्थाई समाधान हो, इसके बाद ही शाह का यह फोन आया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मौजूदा स्थिति पर बीजेपी के फैसले का इंतजार कर रही है.

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कैंसर से जूझ रहे हैं पर्रिकर

गौरतलब है कि पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं. पर्रिकर 6 सितंबर को ही अमेरिका से इलाज कराकर भारत लौटे हैं. वहां करीब एक हफ्ते तक उनका इलाज चला था. इससे पहले मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध करते हुए कहा था कि राज्य के नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.

गोवा विधानसभा का समीकरण

चालीस सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास अभी 14 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 16 विधायक हैं. बीजेपी को महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के 3 के साथ तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. कांग्रेस और एनसीपी के पास 17 विधायक हैं. ऐसे में राज्य में दोनों पार्टियों (एमजीपी व जीएफपी) और निर्दलीय विधायक की भूमिका काफी अहम है.

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